नई दिल्ली. डेयरी फॉर्मिंग में यह बड़ा ही अहम है कि पशु अपनी क्षमता के मुताबिक दूध का उत्पादन करे. क्योंकि कई बार पशु अपनी क्षमता के मुताबिक दूध का उत्पादन नहीं कर पाता. मान लीजिए अगर किसी पशु की दूध देने की क्षमता 20 लीटर है या 30 लीटर है, तो उसको उसी के हिसाब से उसे दूध देना चाहिए. अगर उससे कम दूध मिल रहा है तो इसका सीधा सा मतलब है की डेयरी फार्मिंग में आपको फायदे की जगह नुकसान हो रहा है. जबकि डेयरी फार्मिंग में पशुओं के दाना-पानी पर खर्च होता ही है. इसलिए जरूरी है कि पशुओं को ऐसी चीज खिलाई जाए, जिससे वह अपनी क्षमता के मुताबिक दूध का उत्पादन करना शुरू कर दे. तभी डेयरी फार्मिंग में फायदा होगा.
यहां हम आपको एक ऐसे काढ़े के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पशु को डिलीवरी होने के बाद पिलाना पड़ता है. कई पशुपालक भाई इस काढ़े का इस्तेमाल कर रहे हैं. जिससे उनका पशु का दूध उत्पादन बढ़ गया है. यह बड़ा ही पावरफुल और कारगर काढ़ा है, जिसे पीकर पशु दूध का उत्पादन ज्यादा करते हैं. आइए जानते हैं, ये काढ़ा किस तरह से बनाया जाता है.
किन चीजों से बनेगा काढ़ा
कई बार जब पशु की डिलीवरी होती है तो उनका मैला जाना शुरू नहीं होता है. जब तक उसके यूट्रेस की सफाई नहीं होगी तब तक पशु दूध का उत्पादन नहीं बढ़ेगा. अगर पशु दूध उत्पादन करता भी है तो उसका दूध उत्पादन उसकी क्षमता से बेहद ही कम रहेगा. चाहे आपने कुछ भी फार्मूला अपनाया हो या फिर कुछ भी खिला दिया हो. इस तरह की दिक्कत है तो यहां बताए जाने वाला तरीका अपनाने से जरूर फायदा मिलेगा. इसके लिए 10 ग्राम हल्दी पाउडर लेना है. 10 ग्राम सोंठ और 10 ग्राम जीरा लेना है. इन तीनों चीजों का पाउडर बना लें और इसके बाद इसमें 50 ग्राम अजवाइन डाल दें. ढाई सौ ग्राम गुड़ का इस्तेमाल इसमें किया जाता है.
सर्दी-गर्मी दोनों में है फायदेमंद
इन सभी चीज इनको बनाने का तरीका यह है कि इन्हें पानी के अंदर डाल दें और इन्हें अच्छी तरह से गर्म कर लें. जब भी पूरी तरह से उबल जाए फिर कुछ गाढ़ा हो जाए तो यह काढ़ा आप पशु को सुबह और शाम इसको पिला सकते हैं. अगर गर्मी का मौसम है तो इसे 5 दिनों तक देना है. ऐसा नहीं है किसी गर्मी के मौसम में नहीं दिया जा सकता. गर्मी के मौसम में भी आसानी से इसको दिया जा सकता है और इसे पशुओं को कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि सिर्फ और सिर्फ फायदा होगा. जबकि ठंड में भी इसे दिया जा सकता है. सर्दी के मौसम में 10 से 12 दिन तक इस काढ़े को दिया जा सकता है.
Leave a comment