नई दिल्ली. अक्सर पशु कमजोर नजर आते हैं और इससे पशुपालकों को कई नुकसान होते हैं. एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर पशु कमजोर है तो उनके साथ शारीरिक दुर्घटनाएं होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. वहीं पशु की उत्पादन क्षमता कम हो जाती है. बीमारियों का खतरा भी ज्यादा हो जाता है. अगर एक बार पशु को बीमारी लग गई तो ये जानलेवा भी साबित हो सकती है. वहीं कमजोर पशु दूध का इस्तेमाल करने से इंसानों को भी खतरा रहता है. पशुओं के कमजोर होने की कई वजह हो सकती है. जिसमें मुख्य रूप से पोषण की कमी और कीड़े और बीमारियां शामिल हैं.
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि पशुओं के कमजोर होने के लक्षणों की बात की जाए तो अक्सर उन्हें ऐसी स्थिति में भूख कम लगती है और यही सबसे अहम लक्षण है. जिससे पशुपालकों को समझ लेना चाहिए कि पशु कमजोर होने लगा है या हो रहा है. इसलिए तुरंत इसका उपाय करना चाहिए. वहीं पशु अक्सर दीवार चाटने लगता है. मिट्टी खाने लगता है. इससे हड्डियां कमजोर और टेढ़ी-मेढ़ी होने लगती हैं. उसे बेचैनी रहती है. मांसपेशियां भी कमजोर होती हैं. हड्डियों में दर्द की शिकायत भी रहती है. अगर इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो समझ लें कि पशु कमजोर हो गया है. अब बात आती है कि पशु यदि कमजोर है तो उसे कैसे सही किया जाए. आइए इस बारे में जानते हैं.
इन सामग्री से तैयार करें चार खुराक
एक्सपर्ट के मुताबिक अगर पशु खाना नहीं खा रहा है, पानी सही से नहीं पी रहा है तो इस समस्या का हाल आपके घर पर ही मौजूद है. इसके लिए आपको ढाई सौ ग्राम नींबू के आचार की जरूरत पड़ेगी. वहीं ढाई सौ ग्राम हल्दी भी इस्तेमाल करनी होगी. ढाई सौ ग्राम घरों में इस्तेमाल होने वाली चीनी भी ले लें और इसकी खुराक तैयार कर लें. पशुओं की अगर भूख न लगने की समस्या को दूर करना है तो उसकी चार खुराक तैयार करनी होगी.
चार खुराक में खाने लगेगा पशु
एक्सपर्ट कहते हैं कि एक खुराक गुड़ में मिलाकर हर दिन पशु को खिलाना चाहिए. चार खुराक खिलाते ही पशु में आप बदलाव महसूस करेंगे. अगर पशु खा पी नहीं रहा है तो खाने पीने लगेगा और जब अच्छे से खा पीएगा तो उसके शरीर में लगेगा भी और कुछ ही दिनों में पशु की सेहत बनने लगेगी. उसका उत्पादन भी बढ़ जाएगा. इसके साथ ही आप इस बात का भी ध्यान दें कि कई बार पेट के अंदर कीड़ों की वजह से भी पशु की सेहत नहीं बनती तो पशुपालकों को चाहिए डीवार्मिंग भी समय-समय पर जरूर करवाते रहें.
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