नई दिल्ली. जैसा कि हम सभी जानते है कि दूध एक बेहतरीन पेय और खाद्य पदार्थ है. इसमें भोजन के सभी जरूरी तत्व जैसे प्रोटीन, शूगर, वसा, खनिज लवण तथा विटामिन आदि उचित मात्रा में पाये जाते हैं, जो इसानों की हैल्थ के लिए बेहद ही जरूरी होते हैं. इसीलिए दूध को एक सम्पूर्ण आहार कहा गया है. वहीं दूध में पाये जाने वाले जरूरी तत्व इंसानों की ही तरह दूध में पाये जाने वाले सूक्ष्म (आंख से न दिखायी देने वाले) जीवाणुओं की वृद्धि के लिए भी उपयुक्त होते हैं, जिससे दूध में जीवाणुओं की वृद्धि होते ही दूध जल्दी से खराब होने लगता है.
इसे अधिक समय तक साधारण दशा में सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है. दूसरे कुछ हानिकारक जीवाणु दूध के माध्यम से दूध पीने वालों में विभिन्न प्रकार की बीमारियां पैदा कर देते हैं. इसलिए दूध को ज्यादा समय तक सुरक्षित रखने, गन्दे और असुरक्षित दूध की पीने से होने वाली बीमारियों से उपभोक्ताओं को बचाने तथा अधिक आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से दूध का उत्पादन साफ तरीकों से करना करना बेहद ही जरूरी है.
दूध क्या होती है
साफ दूध उसे कहते हैं जो साफ एवं बीमारी रहित जानवरों से, साफ वातावरण में, साफ एवं जीवाणु रहित बर्तन में, साफ एवं बीमारी रहित ग्वालों द्वार निकाला गया हो तथा जिसमें दिखाई देने वाली गन्दगियों (जैसे गोबर के कण, घास-फूस के तिनके, बाल मच्छर, मक्खियाँ आदि) बिल्कुल न हो तथा न दिखाई देने वाली गन्दगी जैसे सूक्ष्म आकार वाले जीवाणु कम से कम संख्या में हो.
दो तरह की होती हैं गन्दगियां
बताते चलें कि दूध में दो प्रकार की गन्दगियों पायी जाती है. आंख से दिखाई देने वाली गन्दगियों जैसे गोबर के कण, घास-फूस के तिनके, बाल धूल के कण, मच्छर, मक्खियां आदि. इन्हें साफ कपड़े या छनने से छान कर अलग किया जा सकता है. वहीं दूसरी तरह की गंदगी की बात की जाए तो आंख से न दिखाई देने वाली गन्दगियों इसके अन्तर्गत सूक्ष्म आकार वाले जीवाणु आते हैं, जो केवल सूक्ष्मदर्शी यन्त्र द्वरा ही देखे जा सकते है. इन्हें नष्ट करने के लिए दूध को गरम करना पड़ता है दूध को लम्बे समय तक रखना हो तो इसे ठंडा करके रखना चाहिये.
गन्दगियों के सोर्स के बारे में पढ़ें यहां
तमाम गन्दगियों के दूध में प्रवेश करने के आमतौर पर दो स्रोत हैं. जानवरों के अयन से, धनों के अन्दर से पाये जाने वाले जीवाणु से. जानवर के बाहरी शरीर से, जानवर के बधने के स्थान से, दूध के बर्तनों से, दूध दुहने वाले ग्वाले से और अन्य साधनों जैसे मच्छर, मक्खियां गेबा व धूल के कणों, बालों इत्यादि से.
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