नई दिल्ली. पशुपालन किसानों की आयु बढ़ाने का एक बेहतरीन जरिया बन गया है. किसान खेती—किसानी के अलावा पशुपालन से भी अच्छी खासी आमदनी कर रहे हैं. पशुपालन करके किसान दूध बेचकर फायदा उठा रहे हैं और इस सेक्टर में मिल रहे फायदे की वजह से तेजी के साथ किसानों का रुख इसकी ओर मुड़ रहा है. हालांकि पशुपालन में कई अहम बातें हैं, जिनका ख्याल रखना किसी भी पशुपालक के लिए जरूरी होता है. अगर ऐसा न किया जाए तो पशुपालन से फायदा नहीं होगा.
एक्सपर्ट की मानें तो पशुपालन में अच्छी नस्ल के पशु उनके खान-पान की बेहतर व्यवस्था और उन्हें रोग से बचाए रखना सबसे जरूरी है. अगर किसी भी पशुपालक ने इन तीन चीजों पर ध्यान दे दिया तो वह पशुपालन क्षेत्र में सफल हो जाएगा और उसे इसका फायदा भी मिलेगा. आईडीए (इंडियन डेयरी एसोसिएशन), गुजरात चैप्टर द्वारा अमूल डेयरी, आनंद में आयोजित “डबल – दूध और पैसा: डेयरी उद्यमिता में महिलाओं को सशक्त बनाना – लाभदायक डेयरी के लिए रणनीतियाँ” विषय पर आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में एक्सपर्ट ने इसपर राय रखी.
महिलाओं की हिस्सेदारी की सराहना की
सेमिनार में डॉ. आर. ओ गुप्ता, वरिष्ठ महाप्रबंधक (पीई), एनडीडीबी ने भारत में लघु धारक डेयरी उत्पादन प्रणाली में महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लाभदायक डेयरी के लिए, किसानों को उच्च आनुवंशिक योग्यता वाले बैल वीर्य के साथ प्रजनन को प्राथमिकता देनी चाहिए, साथ ही वैज्ञानिक भोजन और प्रबंधन प्रथाओं को अपनाना चाहिए. डॉ. गुप्ता ने “इलाज से बेहतर रोकथाम है” अवधारणा के महत्व पर जोर दिया.
नई तकनीक अपनाने के लिए कहा
प्रतिभागियों से अपने जानवरों के शीघ्र विकास और लंबे जीवन के लिए नियमित रूप से टीकाकरण और कृमि मुक्ति करने का आग्रह किया. उन्होंने लाभदायक डेयरी में एक प्रमुख कारक के रूप में एएमयूएल के बछड़ा पालन कार्यक्रम पर भी प्रकाश डालात्र इसके अतिरिक्त, उन्होंने पशुपालन क्षेत्र में डिजिटलीकरण के महत्व पर चर्चा की, उपस्थित लोगों को इंटरैक्टिव 1962 ऐप का उपयोग करने और सटीक डेयरी फार्मिंग के लिए सेंसर-आधारित गाय निगरानी प्रणाली जैसी नवीनतम तकनीक को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया.
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