नई दिल्ली. देश में तकरीबन 50 से 60 फ़ीसदी जनसंख्या खेती—किसानी पर निर्भर है. इन सभी किसानों की आय बढ़ाने और खेती किसानी को और ज्यादा उन्नत बनाने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चल रही है. जबकि यह भी देखा गया है कि जागरुकता की कमी के कारण कई बार लोग योजनाओं का फायदा भी नहीं उठा पा रहे हैं. वहीं किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए सरकार पशुपालन को भी बढ़ावा दे रही है. ताकि इस सेक्टर के जरिए किसान अपनी आय को दोगुना कर सकें.
खेती किसानी के साथ-साथ पशुपालन में भी कई चुनौतियां हैं. पशुपालन को फायदेमंद बनाने के लिए किसानों के पास पशुपालन से जुड़ी जानकारी होना बेहद जरूरी है. इसी क्रम में किसानों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. जिसकी मदद से पशुपालक इस सेक्टर से जुड़े तमाम सवाल एक्सपर्ट से पूछ सकते हैं और उसका समाधान भी हासिल कर सकते हैं.
इस नंबर पर करें कॉल, पूछें सवाल
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और अन्य राज्यों के किसानों, पशुपालकों और अन्य ग्राहकों को किसान कॉल सेंटर नंबर 1800-180-1551 के माध्यम से टेलीकंसल्टेंसी प्रदान की जा रही है. उन्हें विषय विशेषज्ञों द्वारा उनकी समस्या का तत्काल समाधान प्रदान किया जाता है. यह टोल फ्री नंबर है. आईवीआरआई केसीसी का लेवल-II नोड है, जो विशेष रूप से पशु उत्पादन और स्वास्थ्य से संबंधित प्रश्नों के जवाब देता है. जिन्हें लेवल-I कानपुर (यूपी और उत्तराखंड के लिए) के विशेषज्ञों द्वारा हल नहीं किया जाता है.
ये है कॉल करने का सही वक्त
यह सुविधा दिन में 24 घंटे (18 घंटे लाइव यानी सुबह 10.00 बजे से शाम 5.00 बजे तक और 16 घंटे वॉयस रिकॉर्डिंग-आईवीआरएस) और राष्ट्रीय स्तर पर पूरे साल उपलब्ध है. हेल्पलाइन नंबर 0581-2311111 जो कि आईवीआरआई सुविधा है, के माध्यम से पूरे देश के किसानों को पशुपालन और अन्य संबद्ध क्षेत्रों के विभिन्न पहलुओं पर उनके प्रश्नों के लिए टेली परामर्श प्रदान किया जा रहा है. यह सुविधा ग्राहकों के लिए सभी कार्य दिवसों पर सुबह 10.00 बजे से शाम 5.00 बजे तक उपलब्ध है.
Leave a comment