नई दिल्ली. बिहार में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग Department of Animal and Fish Resources की तरफ से राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत इंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम (NLM-EDP) शुरू किया गया है. बता दें कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन का मकसद छोटे जुगाली करने वाले पशु, पोल्ट्री और सूअर पालन क्षेत्र और चारा क्षेत्र में उद्यमिता विकास के माध्यम से रोजगार का सृजन करना है. इससे किसानों की इनकम भी बढ़ेगी और राज्य में किसान मजबूत होंगे.
क्या काम होने हैं, योजना के तहत
नस्ल सुधार के माध्यम से प्रति पशु उत्पादकता में वृद्धि करने का काम योजना के तहत किया जाएगा.
मांस, अंडा, बकरी का दूध, उन और चारे के उत्पादन में करना भी इस स्कीम का लक्ष्य है.
चारा बीज के आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने और प्रमाणित चारा बीज की उपलब्धता के माध्यम से मांग को काफी हद तक पूरा करने के लिए चारे और फीड की उपलब्धता बढ़ाना.
मांग-आपूर्ति के अंतर को कम करने के लिए चारा प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करना.
किसानों के लिए पशुधन बीमा सहित जोखिम प्रबंधन उपायों को बढ़ावा देना.
मुर्गी, भेड़, बकरी पालन और चारा प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में अप्लाईड रिसर्च को को बढ़ावा देना है.
किसानों को गुणवत्तापूर्ण विस्तार सेवा प्रदान करने के लिए मजबूत विस्तार मशीनरी के माध्यम से राज्य के पदाधिकारियों और पशुपालकों का क्षमता निर्माण.
उत्पादन लागत को कम करने और पशुधन क्षेत्र के उत्पादन में सुधार के लिए कौशल आधारित प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकियों के प्रसार को बढ़ावा देना.
राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत योजनाओं में अधिक्तम 50 फीसद कैपिटल सब्सिडी प्राप्त की जा सकती है.
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कौन हैं पात्र संस्थाएं
इस योजना का फायदा निजी व्यक्ति, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), किसान सहकारिताएं (एफसीओ), संयक्त देयता समूह (जीएलजी) और धारा 8 की कंपनियों को मिलेगा.
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