नई दिल्ली. बकरियों के बारे में ये कहा जाता है कि बकरियां जंगल को खराब कर देती हैं. यानि चरके हरियाली को नुकसान पहुंचाती हैं. ये भी कहा जाता है कि मिट्टी के कटाव को भी को बढ़ावा देती हैं. भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के एक्सपर्ट के मुताबिक यह पूरी तरह से सही नहीं है. इसी तरह से कई और बातें बकरी पालन के नुकसान को लेकर कही जाती हैं लेकिन ये सब गलत है. इसके उलट बकरी पालन बेहद ही फायदेमंद है. बकरी पालने से कई फायदे होते हैं.
भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) की ओर से से लाइव स्टक एनिमल न्यूज (Livestock Animal News) को बताया गया है कि बकरियां मिट्टी के कटाव, जंगलो के लिए जिम्मेदार हैं. बकरियां पर्यावरण को नुकसान पहुंचानी हैं. बल्कि यह अनउपजाऊ भूमि को उपजाऊ बनाने में मदद करती हैं.
क्या फायदे हैं, यहां जान लें
देखा गया है कि बकरियां कुछ चारे वाली घासों व पेड़ों का बीज खाकर उसको अपनी मेंगनी के साथ चरागाह व जंगल में फैला देती हैं.
सख्त परत वाले बीज भी बकरी के पाचन तंत्र से गुजरते समय मुलायम हो जाते हैं और बारिश के मौसम में आसानी से अंकुरित हो जाते हैं.
जमीन का कटाव आमतौर पर जमीन के कुप्रबन्ध या बड़े जानवरों के द्वारा अधिक चराई के कारण होता है.
इस प्रकार पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिये बकरियां नहीं बल्कि खुद इंसान ही जवाबदेह होता है.
जबकि बकरियां बकरियां भारतीय अर्थव्यवस्था में हजारों करोड़ रुपये का योगदान देने वाली हैं. बकरियों से मांस और दूध से सबसे ज्यादा कमाई होती है.
बकरियों से बाई प्रोडक्ट भी मिलता है. जिसमें खाद और चमड़ा मुख्य है. वहीं हिमालयन क्षेत्र की चांगथांगी तथा चेगू बकरियों से प्राप्त उच्चकोटि के पश्मीना रेशे की भागीदारी अहम है.
निष्कर्ष
इस आर्टिकल को पढ़कर आपको अंदाजा लग गया होगा कि बकरियां पालना फायदेमंद है. जबकि बकरियों को पालने से कोई नुकसान भी नहीं होता है. ये हर तरह से किसानों के लिए फायदेमंद हैं.
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