नई दिल्ली. प्रदेश में गोपालन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार पशुपालन व डेयरी विकास विभाग का नाम बदलकर इसमें गोपालन शब्द जोड़ा जाएगा. इस बात की ऐलान सीएम हाउस में गोशाला सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया. अब विभाग का नाम पशुपालन, डेयरी एवं गोपालन विभाग होगा. सीएम ने यह भी घोषणा की है कि प्राकृतिक गोबर खाद से पैदा अनाज को राज्य सरकार सामान्य से ज्यादा भाव पर खरीदेगी. जल्द ही इसकी व्यवस्था राज्य में की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश को देश की डेयरी कैपिटल यानी दूध की राजधानी बनाया जाएगा. प्रदेश में दूध उत्पादन और संकलन को व्यवस्थित करने के लिए दुग्ध समितियों की संख्या को 9 हजार से बढ़ाकर 26 हजार करने का संकल्प राज्य सरकार ने लिया है.
इस दौरान सीएम ने कहा कि प्रदेश की गोशालाओं को प्रति गाय 40 रुपए आहार अनुदान के मान से 90 करोड़ रुपए की राशि ऑनलाइन ट्रांसफर की गई है. शुक्रवार से प्रदेश में भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना का क्रियान्वयन भी शुरू हो गया। सीएम ने तीन हितग्राहियों को प्रतीक स्वरूप ऋण मंजूरी आदेश सौंपे.
फैट देखकर दूध खरीदने की व्यवस्था बदली
डॉ. मोहमन यादव कहा कि साल 2022-23 में पशुपालन विभाग का बजट सिर्फ 300 करोड़ रुपए था, अब इसे 2600 करोड़ कर दिया. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए कितनी गंभीर है. प्रदेश में फैट के हिसाब से दूध खरीदने की व्यवस्था लागू थी, इस कारण गाय का दूध नहीं बिकता था, लेकिन अब इसे बदलकर सरकार ने गाय का दूध खरीदने का निर्णय लिया है, ताकि गोपालकों की आर्थिक स्थिति बेहतर की जा सके. सरकार ने प्रदेश में दूध उत्पादन पांच गुना करने के लक्ष्य के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड से अनुबंध किया है.
प्रदेश में साढ़ें पांच करोड़ दूध का हो रहा उत्पादन
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी प्रदेश में 5.5 करोड़ लीटर दूध पैदा हो रहा है, इसमे से 50 फीसद घरेलू उपयोग और 50 परसेंट मार्केट में आ रहा है. सीएम ने गौशाला सम्मेलन में प्रदेश की 7 गोशालाओं के गोसेवियों को सम्मानित भी किया. इनमें भोपाल, दमोह, अनूपपुर, रायसेन, छिंदवाड़ा, हरदा और विदिशा जिलों के गोसेवक शामिल हैं। इसके साथ ही 73 नई गोशालाओं को पंजीयन प्रमाणपत्र भी सौंपे. सीएम ने कहा कि प्रदेश में बड़ी गोशालाएं खोलने के लिए सरकार 125 एकड़ जमीन देगी. गोसेवा और गोशाला संचालन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली संस्थाओं को वर्ष 2023-24 के लिए आचार्य विद्यासागर जीवदया गोसेवा सम्मान भी प्रदान किए गए.
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