नई दिल्ली. गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना की पहल फार्मर फर्स्ट परियोजना के तहत एक किसान ने 500 लीटर क्षमता वाली दूध प्रोसेसिंग प्लांट खोल दिया है. गौरतलब है कि गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना अपने विभिन्न महाविद्यालयों, शोध परियोजनाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और प्रसार गतिविधियों के माध्यम से किसानों को पशुपालन और डेयरी प्रसंस्करण में गुणवत्ता सुधार के लिए प्रोत्साहित करती है. इसी पहल के तहत, हमीदी गांव के एक किसान, जसवीर सिंह ने विश्वविद्यालय के सहयोग से एक डेयरी प्रोसेसिंग स्थापित किया है.
इसका उद्घाटन निदेशक प्रसार शिक्षा एवं परियोजना अधिकारी डॉ. रविंदर सिंह ग्रेवाल ने मुख्य निरीक्षक डॉ. परमिंदर सिंह और परियोजना के अन्य पदाधिकारियों की उपस्थिति में किया गया.
आसपास के लोगों को मिलेगा रोजगार
इस संयंत्र की स्थापना की बधाई देते हुए, डॉ. ग्रेवाल ने जसवीर सिंह की दूरदर्शी सोच की सराहना की. उन्होंने कहा कि किसानों को अपना लाभ बढ़ाने के लिए ऐसे ही प्रयास करने चाहिए.
उन्होंने अन्य किसानों को भी विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं और मार्गदर्शन का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया.
डॉ. गोपिका तलवार ने बताया कि इस किसान उद्यमी को विश्वविद्यालय द्वारा अपने गाँव में आयोजित प्रदर्शनियों से प्रेरणा मिली और फिर उन्होंने अपना 500 लीटर क्षमता का प्लांट लगाने का निर्णय लिया.
उन्होंने डेयरी प्रसंस्करण और विभिन्न उत्पादों के निर्माण के लिए वेटरनरी विश्वविद्यालय से प्रशिक्षण भी प्राप्त किया.
अब यह इकाई दही, घी, पनीर, खोया, मक्खन और क्रीम का उत्पादन कर रही है। इस किसान को प्रधानमंत्री रोजगार उत्पादक कार्यक्रम योजना के तहत वित्तीय सहायता भी मिली है.
डॉ. परमिंदर सिंह ने इस किसान की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे किसानों की सफलता की कहानियां विश्वविद्यालय से जुड़े पशुपालकों को प्रगतिशील उद्यमियों में बदलने के लक्ष्य का प्रमाण हैं.
जसवीर सिंह ने कहा कि फार्मर फर्स्ट परियोजना के तहत, विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन और संस्थागत सहयोग से, उन्हें एक डेयरी किसान से उद्यमी बनने का अगला कदम उठाने का अवसर मिला है.
Leave a comment