नई दिल्ली. भारत में तमाम धर्म-संप्रदाय के लोग रहते हैं. सबकी अपनी-अपनी मान्यता है, कोई नॉनवेज खाता है तो कोई नहीं. इस वजह से नॉनवेज और वेज खाने वालों में एक बहस ये होती रहती है कि इसे खाना चाहिए कि नहीं. इसी बहस के बीच ये भी कहा जाता है कि अंडे और चिकन मीट खाने से बीमारियों का खतरा रहता है. अब सवाल ये है कि क्या ये बात सच है या झूठ. एक्सपर्ट का कहना है कि अंडे और मीट का सेवन करने से शरीर को जरूर कई पोषक तत्व मिलते हैं. इसलिए इसका सेवन करना चाहिए.
एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि पोल्ट्री प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से रोग फैलने की संभावना बिल्कुल भी नहीं है. ये बात सच है कि पोल्ट्री प्रोडक्ट में जर्म भी मौजूद होते हैं. हमारे देश का ट्रेडिशनल फीड पकाने का तापमान और हल्दी, मिर्च और अन्य मसालों के उपयोग का अभ्यास इस तरह का है कि जिससे सारे जर्म खत्म हो जाते हैं. देश में अपनाई जाने वाली परंपरागत पाक-कला की विधियों से तैयार किये गये पोल्ट्री प्रोडक्ट में जर्म, वायरस या परजीवी जीवित नहीं रह सकते हैं.
मीट खाने से अच्छी रहती है सेहत
पोल्ट्री प्रोडक्ट के पोषण मूल्य और पोषक तत्वों की जैव उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए, उनकी खपत में पूरी सुरक्षा और आर्थिक रूप से अल्प मूल्य पर उपलब्धता, कुक्कुट माँस और अंडे की खपत उम्र और मौसम के बावजूद जरूरी है. इसके अलावा, अंडे और पोल्ट्री मीट, हेल्थ की स्थिति में सुधार करते हैं और बढ़ते बच्चों, गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं और आम लोगों में रोगों के प्रति संवेदनशीलता को कम करते हैं. यहां ये ध्यान देना आवश्यक है कि अंडे और कुक्कुट मांस उपभोग के लिए सुरक्षित हैं और उनकी खपत स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार के लिए बेहद फायदेमंद है.
बीमार नहीं करता है अंडों का सेवन
इसलिए स्वस्थ रहने के लिए, एक व्यक्ति को एक सप्ताह में कम से कम 7 अंडे और 175 ग्राम चिकन मीट इस्तेमाल करना चािहए अंडों और कुक्कुट मांस में किसी भी तरह की मिलावट की सम्भावना नहीं होती है. यह पूरी तरह से प्राकृतिक उपहार ही है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. जिसको खाने से शरीर मजबूत होता है. एक मिथक ये भी है कि अंडों का सेवन करने से दिल की बीमारी हो जाती है. एक्सपर्ट का कहना है कि ये भी बिल्कुल गलत बात है. जापान का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि वहां पर लोग अंडों का सेवन ज्यादा करते हैं लेकिन वहां दिल की बीमारी का खतरा ज्यादा नहीं है. इसलिए मुर्गी के अंडों का उपभोग कभी भी हृदय रोगों का कारण नहीं होता, बल्कि उपभोक्ता के स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार करता है.
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