नई दिल्ली. मछली पालन बहुत ही फायदेमंद सौदा है. मछली पालन करके किसान अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं. बहुत से किसान मछली पालन करके मोटी कमाई कर रहे हैं. मछली पालन को सरकार भी बढ़ावा दे रही है. ताकि इससे किसानों को फायदा पहुंच सके. जबकि देश में मछली की बहुत डिमांड रहती है और देश में मछली की उत्पादन उतना नहीं होता है. इस वजह से मछली पालन करना हमेशा ही फयदा पहुंचाता है. इसलिए बहुत से मछली पालक मछली पालन में रुचि ले रहे हैं.
हालांकि जब भी मछली पालन शुरू करना चाहते हैं तो आपको जरूर पता होना चाहिए कि तालाब का मैनेजमेंट कैसे किया जाए. तालाब में मछली पालन करने के लिए क्या-क्या करना चाहिए. तालाब के लिए क्या तैयारी करना चाहिए. चुने का कब और कितना छिड़काव करना चाहिए. प्राकृतिक भोजन की व्यवस्था करें. कब कम्पोस्ट खाद डालना चाहिए. मत्स्य बीज डालने के दौरान तापमान का ख्याल भी रखना चाहिए.
- बता दें कि मछली पालकों को मार्च महीने के पहले या दूसरे सप्ताह में पहले पुरानी मछलियों को निकालकर नए मछलियों के लिए तालाब की तैयारी करनी चाहिए.
- जब मछलियां छोटी हों तो जाल चलाकर मछलियों के स्वास्थ्य, संख्या, आकार आदि की जांच करनी चाहिए. इसके अलावा नियमित आहार देना चाहिए. जबकि तालाब में नियमित रूप से चुने का छिड़काव करें.
- तालाब की तैयारी में जल निकासी और तालाब को सुखाने के बाद तालाब में पानी भरकर पीएच स्तर के अनुसार चूना, गोबर और रासायनिक खाद को डालना चाहिए. ये सभी काम नए मछलियों के बीज डालने से 15 दिन पहले करना चाहिए.
- यदि तालाबों की जल निकासी संभव न हो तो खरपतवार निकाल कर बचे हुए, मछलियों को मारने के लिए महुआ की खली का प्रयोग 2500 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें. उसके 15 दिनों के बाद नए मछलियों के बीज को डालें.
- वहीं तालाब में मछली के नए बीज डालने के के 7-10 दिनों के बाद खाद (कम्पोस्ट) डालना चाहिए.
- साथ ही अगर खाद डालने के बाद जब पानी का रंग भूरा या हरा हो जाए तो यह पानी में प्राकृतिक भोजन की उपस्थिति का संकेत है.
- पशुपालन मछली के बीज डालते समय इस बात का ध्यान दें कि अग दिन का तापमान ज्यादा हों तो न डालें.
- पशुपालक नए मछली के बीज सुबह 9 बजे के पहले ही डालें
- वहीं पशुपालकों को मछली के बीज डालने का काम 15 मार्च से 30 मार्च तक कर लेना चाहिए क्योंकि पंगेसियस प्रजाति की मछलियों के डालने का यह आदर्श महीना है.
- मछलियों को आहार नियमित रूप से देना प्रारंभ कर दें.
-मार्च के दूसरे और तीसरे सप्ताह से ग्रास कार्प की ब्रीडिंग के लिए प्रजनक मछलियों को अलग-अलग तालाब में रखकर संतुलित भोजन देना चाहिए.
- मछलियों को बीमारी के संक्रमण से बचाव के लिए प्रतिमाह 400 ग्राम प्रति एकड़ पोटाशियम परमैगनेट या कोई भी वाटर सैनिटाइजर 500 एम एल से 1 लीटर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें.
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