नई दिल्ली. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में झींगा पालन लोकप्रियता हासिल कर रहा है, क्योंकि कुछ किसानों ने दक्षिण अंडमान में इस लाभकारी व्यवसाय में उतरना शुरू कर दिया है. 2023 में पी. अकील अनाज़ और सैयद अनज़ अहमद, दो पढ़े-लिखे युवाओं ने, दक्षिण अंडमान के बृंदाबन में अपना झींगा जलीय कृषि उद्यम शुरू किया था. वहीं आंध्र प्रदेश के नेल्लोर से झींगा फार्मों में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने के बाद उन्होंने अंडमान द्वीप समूह में अपना उद्यम शुरू किया. हालांकि, स्टॉक किए गए बीजों की बड़े पैमाने पर मृत्यु के कारण उनकी प्रारंभिक झींगा संस्कृति विफल हो गई.
इसके चलते उन्हें 3 लाख रुपये का नुकसान भी उठना पड़ा. बावजूद इसके वे एक्वाप्रेन्योरशिप के लिए प्रतिबद्ध रहे और क्षेत्र में पेशेवरों के सहयोग से झींगा जलीय कृषि में दूसरा प्रयास करने की योजना बना रहे हैं. दोनों ने तकनीकी सहायता के लिए आईसीएआर-केंद्रीय द्वीप कृषि अनुसंधान संस्थान, पोर्ट ब्लेयर के मत्स्य विज्ञान प्रभाग के वैज्ञानिकों, आईसीएआर-कृषि विज्ञान केंद्र, दक्षिण अंडमान और मत्स्य पालन विभाग, अंडमान और निकोबार प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क किया है.
झींगा उद्योग की सीखी बारीकियां
आईसीएआर-सीआईएआरआई के मत्स्य पालन विज्ञान प्रभाग के वैज्ञानिकों ने दोनों युवाओं को बेहतर झींगा पालन प्रबंधन प्रथाओं, बीमारियों, स्वास्थ्य, भोजन और पानी की गुणवत्ता के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की है. अनज़ और अहमद ने मछली और शेलफिश रोगों और उनके स्वास्थ्य प्रबंधन सहित जलीय कृषि के विभिन्न पहलुओं और बेहतर प्रबंधन प्रथाओं पर आईसीएआर-सीआईएआरआई द्वारा आयोजित क्षमता निर्माण कार्यक्रम में भी भाग लिया. आईसीएआर-सीआईएआरआई के वैज्ञानिकों ने मछली और झींगा रोगों के बारे में जानने, उनका प्रबंधन करने और वास्तविक समय में उनकी रिपोर्ट करने के लिए राष्ट्रीय जलीय पशु रोग निगरानी कार्यक्रम (एनएसपीएएडी) परियोजना के तहत विकसित मोबाइल एप्लिकेशन “रिपोर्ट फिश डिजीज” का उपयोग करना शुरू कर दिया है.
5 लाख रुपये का हुआ फायदा
एक्वाप्रेन्योर्स ने आईसीएआर-सीआईएआरआई वैज्ञानिकों के तकनीकी सहयोग से 1.5 लाख पोस्ट लार्वा का भंडारण करके 3.2 टन झींगा की सफलतापूर्वक कटाई की. यह उत्पादन चार महीने की एक ही फसल में 6000 वर्ग मीटर क्षेत्र वाले दो झींगा तालाबों से प्राप्त किया गया था. एक फसल का राजस्व 14.61 लाख रुपये की कमाई हुई. जिसमें 5 लाख रुपये का फायदा हुआ है. एक्वाप्रेन्योर्स का लक्ष्य झींगा संस्कृति को 6000 एम2 से 10,000 एम2 तक विस्तारित करना और प्रत्येक 100 एम 3 के चार रीसर्क्युलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम स्थापित करना है. बेहतर प्रबंधन प्रथाओं द्वारा झींगा जलीय कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण रूप से बदलाव आने की उम्मीद है, जिससे द्वीप जलीय कृषि में उत्पादकता बढ़ेगी. 20 से 21 मार्च, 2024 तक ICAR-CIARI के किसान मेले के दौरान युवाओं को युवा उद्यमी के रूप में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया.
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