नई दिल्ली. मछली पालन एक बेहतरीन व्यवसाय है. इसको करके अच्छी कमाई हो सकती है. मछली की ग्रोथ अच्छी हो और उत्पादन भी बेहतर हो तो इसके लिए एक एकड़ के तालाब से सालाना पांच लाख रुपये तक की कमाई की जा सकती है. सरकार भी नीली क्रांति के जरिए मछली पालन को बढ़ावा देने का काम कर रही है. ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों की आय को बढ़ाया जा सके. सरकार का मनना है कि पशुपालन के अलावा किसान मछली पालन में भी हाथ आजमाएं तो उन्हें ज्यादा फायदा होगा और बहुत से गरीब तबके के लोगों में मछली के जरिए पोषण की कमी को भी दूर किया जा सकता है.
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि मछलियों की ज़्यादा ग्रोथ हासिल करने के लिए बबसे जरूरी काम ये है कि उन्हें 30 से 35 प्रतिशत प्रोटीन वाला आहार देना चाहिए. इससे मछलियों की ग्रोथ तेजी के साथ होती है. अब सवाल ये है कि प्रोटीन वाले फीड के तौर पर मछलियों को क्या दिया जाए? तो इसका जवाब है धान के कुंडे या खली. इन फीड का इस्तेमाल करके मछलियों की ग्रोथ को बढ़ाया जा सकता है.
यहां पढ़ें फीड खिलाने का तरीका
-तालाब में पाली जाने वाली मछलियों की ग्रोथ का पता लगाने के लिए हर महीने मछलियों का वजन करना चाहिए और अगर वजन कम है तो उसके हिसाब से फीड की मात्रा में इजाफा करना चाहिए. इसे मछलियों की ग्रोथ अच्छी होगी.
-मछलियों को खिलाने का तरीका भी उनकी प्रजाति के मुताबिक होना चाहिए. जैसे तिलापिया छोटे-छोटे और लगातार भोजन करना पसंद करती है. जबकि ट्राउट एक दिन में एक बार ही भोजन खाना पसंद करती है. इसलिए इस बात का ध्यान देते हुए मछलियों को भोजन देना चाहिए.
-मछलियों को खिलाने का तरीका पानी के तापमान पर भी काफी हद तक डिपेंड होता है. पानी ठंडा होने पर या नॉर्मल स्तर का होने पर खिलाने की फ्रिक्वेंसी कम कर देनी चाहिए.
-नेचुरल फीड हमेशा ही मछलियों की ग्रोथ के लिए बेहतरीन साबित होती है. एक्सपर्ट भी कहते हैं कि मछलियों को प्राकृतिक भोजन सोर्स का इस्तेमाल करने देना चाहिए.
-मछलियों का मुख्य भोजन प्लैंकटन होता है. तालाब में इसकी मात्रा बढ़ाएं रखने के लिए उर्वरक का इस्तेमाल करना बेहतर होता है. अगर आप चाहें तो मवेशियों का मल मूत्र, तैरते बत्तख की बीट और सड़ी-गली पत्तियां इसके इस्तेमाल में ले सकते हैं.
-वही मछलियों को गाय-भैंस या किसी भी जानवर का गोबर खिलाया जा सकता है. गाय और भैंस के गोबर को सीधे तालाब में डाला जाता है.
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