Home मछली पालन Fish Farming: यूपी के सिद्धार्थनगर में बन रहा है पंगेसियस कलस्टर, यहां पढ़ें इसके ढेरों फायदे
मछली पालन

Fish Farming: यूपी के सिद्धार्थनगर में बन रहा है पंगेसियस कलस्टर, यहां पढ़ें इसके ढेरों फायदे

Fisheries, Fish Rate, Government of India, Live Stock Animal News, Boat
मछली पकड़ते मछुआरे (फोटो CMFRI)

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में पंगेसियस कलस्टर बनाने की तैयारी है. जिससे सिद्धार्थनगर उत्तर भारत का पंगेसियस हब बन जाएगा. बता दें कि कलेस्टर में महाराजगंज, संत कबीर नगर और बस्ती जिले को शामिल किया गया है. यहां उत्पादन से लेकर प्रोसेसिंग तक हर चरण में विकास होगा. रोजगार और आय के साथ ही निर्यात तीनों में इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है. पंगेसियस कलस्टर बनने से प्रोडक्शन, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और एक्सपोर्ट की सुविधा भी उपलब्ध होगी. जिसमें स्थानीय लोगों को काम दिया जाएगा और उन्हें रोजगार मिलेगा. देखा जाए तो यह स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ा मौका है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पंगेसियस एक तरह की मछली है, जिसकी मांग देश ही नहीं विदेश में भी बड़े पैमाने पर है. यह मछली तेजी के साथ बढ़ने के लिए जानी जाती है. इसके पालन में लगा भी काम आती है और इससे किसानों को मुनाफा भी ज्यादा मिलता है. सिद्धार्थनगर में बनने वाले पंगेसियस कलेक्टर में मछली प्रोडक्शन, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और एक्सपोर्ट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

यहां भी बन रहे हैं कलस्टर
इसके अलावा भी कई अन्य शहरों में क्लस्टर बनाए जा रहे हैं. भारत सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत देश 17 जगह पर कलस्टर बनाए जा रहे हैं. जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में शीतल जल मछली पालन, हरियाणा के सिरसा में खारे पानी की मछलियां, मध्य प्रदेश के भोपाल में मछली पालन, छत्तीसगढ़ के रायपुर में तिलापिया मछली कलस्टर, बिहार के सिवान में वेटलैंड मछली पालन, उड़ीसा के बालेश्वर में स्कैंपी झींगा क्लस्टर, आंध्र प्रदेश के भीमावरम में समुद्री मछली पालन, केरल के कोल्लम में पाल स्पॉट मछली पालन, लक्षद्वीप में समुद्री शैवाल उत्पादन, अंडमान निकोबार में ट्रूना मछली कलस्टर बनाया जा रहा है. सभी कलस्टर को बनाने के पीछे मछली पालन को आधुनिक बनाना, रोजगार बढ़ाना और निर्यात को बढ़ावा देना शामिल है.

फायदों के बारे में जानें यहां
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कलस्टर का फायदा यह होता है कि इससे सीधे तौर पर हजारों लोग जुड़ जाते हैं. मछली पालन, प्रोसेसिंग यूनिट, पैकेजिंग और ट्रांसपोर्ट में बेरोजगार युवाओं को नौकरी मिलती है. पारंपरिक खेती के साथ-साथ अलग मछली पालन किया जाए तो किसानों की आय में भी ज्यादा होता है. सरकार ट्रेनिंग और सब्सिडी भी दे रही है. कलस्टर से मछली के एक्सपोर्ट में भी इजाफा होता है. समुद्री उत्पादों की विदेश में बहुत मांग है. इसलिए कलस्टर से मछलियां निर्यात की जा सकती हैं और इससे देश में आर्थिक उन्नति आती है.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

how to treat a fish ulcer
मछली पालन

Fish: मछली बीज का ज्यादा उत्पादन लेने के लिए पढ़ें एक्सपर्ट की ये सलाह

मत्स्य बीज पक्षेत्र सुनारू फतुहा पटना के सहायक मत्स्य निदेशक डॉ. टुनटुन...

fish farming in pond
मछली पालन

Fish Farming: बरसात में तालाब के अंदर अमोनिया और नाइट्रेट का असर कम करने के लिए करें ये काम

तालाब के अंदर फंगेसियास और मांगुर जैसी मछलियां बहुत ज्यादा बीट करती...