नई दिल्ली. मछली पालन आज किसान भाई देश में बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. मछली पालन के इस व्यवसाय में अच्छी कमाई कर सकते हैं. अगर आप भी मछली पालन कर रहे हैं और इस व्यवसाय में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं तो मछलियों के आहार को लेकर आपको जानकारी होना जरूरी है. इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बता रहे हैं कि मछलियों का प्राकृतिक आहार क्या है और उन्हें कितना देना चाहिए, जिससे आपके तालाब की मछली आपको अच्छी इनकम दे सके.
मछलियों के आहार में सबसे अच्छा फूड नेचुरल फूड है. मछली का प्राकृतिक आहार प्लैक्टन जैसे छोटे-छोटे जलीय जीव होते हैं, ये हम अपनी खुली आंखों से नहीं देख सकते हैं. हां तालाब के पानी के रंग को देखकर पता लगाया जा सकता है कि मछलियों का नेचुरल फूड पर्याप्त है या नहीं. अगर पानी का रंग भूरा है तो प्राकृतिक आहार ठीक मात्रा में है.
ऐसे करे जांच इन्हें देखने के लिए पानी को किसी गिलास या बोतल में भरकर गौर से देखें, बहुत सारे छोटे-छोटे जीव आएंगे. यह प्लैक्टन दो तरह के होते हैं. मछलियों में प्राकृतिक भोजन की जांच के लिए आप 50 से 100 लीटर पानी तालाब के विभिन्न भागों से लेकर उसको जार से छान लें. पानी जार से बाहर निकल आएगा, लेकिन प्लैक्टन शीशे की नली में जमा हो जाएंगे. इस शीशे की नली में नमक के दो चार दाने डालें. सारे प्लैक्टन बैठ जाएंगे. यदि बैठने के बाद इनकी मात्रा लगभग एक मिली है तो तालाब में भरपूर है. अन्यथा उचित व्यवस्था करनी पड़ेगी.
भरपूर आहार देना है जरूरी मछलियों के भरपूर आहार देना बहुत जरूरी होता है, ताकि उनकी ग्रोथ अच्छी हो सके. अगर तालाब में प्राकृतिक आहार की मात्रा अच्छी ना हो तो खाद डालें और पूरक मात्रा बढ़ा दें. एक महीने में दो किलो खाद दे सकते हैं. चावल का काढ़ा एवं सरसों की खली 1:1 अनुपात में यानी आधा-आधा मिलाकर डालें. सरसों की खली ना हो तो मूंगफली की खली भी दे सकते हैं. खाना सुबह-शाम एक तय समय और जगह पर ही डालें. इसके साथ ही मिनरल मिक्चर का भी भोजन एक प्रतिशत की बराबर दे सकते हैं. बोरा में खाना डालकर उसमें छेद कर दें और उसे तालाब में लटका दें. इसके लिए प्लास्टिक के बोरे का इस्तेमाल करें. जैसे ही खाना खत्म होगा बोरा हल्का होने के कारण अपने आप ऊपर आ जाएगा.
खाना देने की व्यवस्था में आप केले के तने के साथ ही बोरा बांध सकते हैं ताकि बोरा तैरकर भोजन पूरे तालाब में फैलाएगा. खाना को सुबह-शाम तय समय, स्थान और मात्रा में दें. गेहूं का चोकर, जौ अन्य अनाज की खाली, मकई का चूरा, सोयाबीन का चूरा भी भोजन में दे सकते है. मांस का चूरा, हड्डी का चूरा, घोंघा, सितुआ एवं अन्य कीड़ों का चूरा खाने में मिलाकर दे सकते हैं.
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