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Fisheries: बरसात के पानी से मछली पालन में क्या होता है नुकसान, पढ़ें यहां

मछली में कुछ बीमारियां ऐसी हैं जो पूरे मछली के बिजनेस को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
तालाब में पाली गई मछली की तस्वीर.

नई दिल्ली. मछली पालन में बरसात के समय तालाब को सही रखना बेहद बड़ी चुनौती होती है. क्योंकि इस दौरान तालाब का पानी बारिश के पानी के कारण गंदा हो जाता है और तालाब का संतुलन बिगड़ जाता है. इससे तालाब में पल रही मछलियां बीमार होने लग जाती हैं या फिर उनकी मौत होने लग जाती है. मछली पालक ये जान लें कि बारिश का पानी सिर्फ और सिर्फ आसमान से गिरकर तालाब तक नहीं पहुंचता बल्कि यह खेतों सड़कों और नालियों के जरिए भी तालाब के अंदर पहुंचता है. साथ ही गांव के रास्तों के जरिए भी तालाब के अंदर पहुंच जाता है.

दिक्कत यह है कि इस दौरान बारिश का पानी अपने साथ खेतों में पड़े यूरिया, डीएपी, कीटनाशक, गोबर, मिट्टी, प्लास्टिक, कचरा जानवरों की गंदगी और अन्य कई तरह की गंदगी को लेकर आता है और जब यह सारी चीज तालाब के अंदर मिल जाती है, तालाब का संतुलन पूरी तरह से बिगड़ जाता है.

क्या-क्या दिक्कतें होती हैं पढ़ें यहां
यूपी के मछली पालन विभाग के मुताबिक बारिश का पानी तालाब में जाने से पानी का रंग बदलने लगता है. उसमें बदबू आने लगती है. तालाब की स्थिति खराब हो जाती जिससे मछलियों पर असर पड़ता है.

बरसात से पहले तालाब का पानी हरा और साफ रहता है, जबकि बारिश के पानी की वजह से मटमैला काला और भूरा हो जाता है. जिसके चलते तालाब के अंदर मौजूद मछलियां प्रभावित होती है.

गंदा पानी आने से सबसे पहला असर तालाब के पीएच स्तर पर पड़ता है और मछलियों के लिए अनुकूल वातावरण खत्म हो जाता है.

पानी में मौजूद फाइटोप्लैंटन और जूप्लैंक्टन जैसे सूक्ष्मजीव जो मछलियों का प्राकृतिक भोजन होते हैं, वह मरने लग जाते हैं.

इसके कारण तालाब में ऑक्सीजन की मात्रा भी तेजी से खराब हो जाती है. तालाब में गंदगी हो जाती है और सड़न आने लगती है.

सड़न मछलियों की ग्रोथ और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है. तालाब के उत्पादन में भी गिरावट आती है.

इन सब के बीच तालाब के अंदर हानिकारक बैक्टीरिया छोटे कट और फंगस की समस्या भी आ जाती है. यह मछलियों के शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं.

तालाब के गंदे पानी की वजह से मछलियों को स्किन इन्फेक्शन हो जाता है. लाल धब्बे जैसी समस्याएं भी हो जाती हैं.

अगर स्थिति समय पर ठीक ना की जाए मछलियों में मृत्युदर भी दिखाई देती है. बारिश में तालाब का पानी खराब हो जाता है. इस कारण मछली पालन में भारी नुकसान भी हो सकता है.

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