Home मछली पालन Fish Farming: अगस्त के महीने में ये सभी काम जरूर करें मछली पालक
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Fish Farming: अगस्त के महीने में ये सभी काम जरूर करें मछली पालक

तालाब में खाद का अच्छे उपयोग के लिए लगभग एक सप्ताह के पहले 250 से 300 ग्राम प्रति हेक्टेयर बिना बुझा चूना डालने की सलाह एक्सपर्ट देते हैं.
तालाब में मछली निकालते मछली पालक

नई दिल्ली. मछली पालन में भी मौसम के बदलाव के हिसाब से कुछ बदलाव करना चाहिए. जैसे अभी बारिश का मौसम चल रहा है तो इस दौरान मछली पालन में कुछ बदलाव या यूं कहें कि कुछ एहतियात बरतने की जरूरत है. तभी मछली पालन के काम में फायदा मिल सकता है. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बिहार सरकार (Animal and Fish Resources Department Government of Bihar) की मानें तो अगस्त के महीने में मछली पालकों को कुछ अहम बातों पर ध्यान देना चाहिए. ताकि मछली पालन में किसी तरह का कोई नुकसान न उठाना पड़ जाए.

लाइव स्टक एनिमल न्यूज (Livestock Animal News) यहां आपको बताने जा रहा है कि अगस्त के महीने में मत्स्य-पालकों के द्वारा किन बातों का ध्यान देना चाहिए.

क्या करना है, जानें यहां
मत्स्य बीज उत्पादक प्रति वर्ष 30 प्रतिशत प्रजनक मछली को उपयोग करने के बाद हटा दें.

30 प्रतिशत नया प्रजनक मछली को नदी, चौर एवं मन से संग्रह करें, ऐसा करने से हैचरी में बीज उत्पादन की गुणवत्ता बेहतर बनी रहेगी.

मत्स्य बीज उत्पादक हैचरी में प्रजनक मछली से दो से अधिक बार ब्रिडिंग नहीं करायें.

बादल एवं वृष्टि के समय मछलियां आहार लेना कम कर देती हैं.

बादल छाये रहने पर नियमित आहार की मात्रा को आधा कर दें एवं दृष्टि होने पर आहार नहीं दें.

अगस्त के महीने में पानी की गुणवत्ता के लिए जलीय प्रोबायोटिक्स 400 ग्राम प्रति एकड़ पानी में घोलकर छिड़काव करें.

मछली के अधिक वृद्धि के लिए गट प्रोबायोटिक्स 2-5 ग्राम प्रति किलोग्राम पूरक आहार में मिला कर प्रयोग करें.

निष्कर्ष
अगर आप ये काम कर लेते हैं तो फिर मछली पालन के काम में नुकसान नहीं होगा. उत्पादन बेहतर मिलेगा और आपको फायदा भी.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

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