नई दिल्ली. देश में मछली पालन का काम हमेशा से किसानों के लिए एक पैसा कमाने का जरिया रहा है. किसान खेती के साथ-साथ बकरी पालन, भैंस पालन, मुर्गी पालन भी करते रहे हैं. साथ ही मछली पालन से भी उन्हें अच्छी खासी कमाई होती रही है. सरकार भी चाहती है कि किसान कृषि के अलावा इनमें से कोई एक काम करें. जिससे उनकी इनकम दोगुनी हो जाए. यही वजह है कि मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार की तरफ से कई प्रयास किया जा रहे हैं. किसानों को सब्सिडी भी दी जा रही है.
उत्तर प्रदेश मछली पालन विभाग (Fishery Department) के एक्सपर्ट कहते हैं कि मछली पालन का काम इनकम कमाने का एक बेहतरीन जरिया हो सकता है. मछली पालन किसान दो तरह से कर सकते हैं. एक बायोफ्लाक्स तकनीक से जिसमें गोल और चौड़े टैंक बनाकर मछली पालन किया जाता है. वहीं तलाब बनाकर भी मछली पालन किया जाता है जो परंपरागत तरीका है.
इस तरह शुरू करें मछली पालन
यदि आपके पास मछली पालन शुरू करने के लिए ज्यादा पैसा नहीं है तो घबराने की जरूरत नहीं है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत सरकार सब्सिडी भी देती है.
मछली पालन के लिए सरकार की तरफ से 50 से 70 फीसद तक सब्सिडी दी जाती है. यानी मछली पालन के कुल खर्च का 70 फीसद सरकार उठाती है. हालांकि यह अलग-अलग राज्य के हिसाब से अलग हो सकता है.
जैसे कुछ राज्य ऐसे हैं, जहां पर सब्सिडी न देकर मछली किसानों के लिए तालाब खुदवा कर दिया जाता है. जिसमें मछली पालन करते हैं.
सब्सिडी की जानकारी इलाके के ग्राम प्रधान से भी आसानी से मिल सकती है.
अगर आप तालाब में मछली पालन करना चाहते हैं तो सबसे जरूरी चीज जमीन. जो आपके पास होनी चाहिए.
वहीं जिस जमीन पर तालाब की खुदाई की जा रही है उसके आसपास पानी की सुविधा होनी चाहिए. क्योंकि मछली पालन में पानी समय—मसय बदलना पड़ता है.
तालाब तैयार करके उसमें मैं मछली के बीज को डाला जाता है और यह बीज हैचरी से मिल जाते हैं.
वहीं मछली को समय से फीड खिलाया जाता है और कुछ महीने बाद मछलियां तैयार हो जाती हैं और आपको अच्छा खासा मुनाफा देती हैं.
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