नई दिल्ली. देश में मछली उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है. जिस तरह से मछली का उत्पादन बढ़ रहा है, वैसे ही मछली खाने वालों की संख्या भी बढ़ रही है. मछली पालन करके लोग मोटी कमाई भी कर रहे हैं. सरकार भी मछली पालकों के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है. इसमें मछली पालन में लोन की बात हो या फिर बीज पर सब्सिडी या फिर पट्टे पर तालाब, जिससे मछली पालाकों को फिश फार्मिंग में कोई दिक्कत न हो. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार मछली पालकों को तालाब पट्टे पर आंवटित करने जा रही है, लेकिन एक शर्त रखी है वो ये है कि जो पहले आएगा, उसी को पहले तालाब दिया जाएगा. हर जिले में 10-10 साल के लिए तालाब-पोखरों का आवंटन करने जा रही है.फिरोजाबाद में टूंडला में 31 जुलाई को तालाब और पोखरों का मछली पालन के लिए पट्टा आवंटन किए जाएंगे.
मछली पालन आज के दौर में देश की अर्थव्यवस्था में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है. खासतौर पर अगर हम ग्रामीण परिवेश की बात करें तो मछली पालन के जरिए से प्राप्त होने वाली अतिरिक्त आय किसान, पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाती है. यही वजह है कि परंपरागत खेती-किसानी को छोड़कर बहुत से लोगों ने नए तौर-तरीके अपनाकर मछली पालन कर रहे हैं, जो दूसरे के लोगों के लिए प्रेरणादायत साबित हो रहे हैं. अगर आप मछली पालन करने की सोच रहे हैं तो सरकार आपको पट्टे पर तालाब-पोखर और बड़े-बड़े गड्ढे आवंटित करने जा रही है. इन तालाब और पोखरों में मछली पालन करके मोटी कमाई कर सकते हैं.
एक से ज्यादा पात्र होने पर होगी नीलामी
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में टूंडला में 31 जुलाई को तालाब और पोखरों का मछली पालन के लिए पट्टे आवंटन किए जाएंगे. इसके लिए शिविर भी लगाया जाएगा. शासनादेश के आधार पर पट्टा आंवटन किया जाएगा. यह पट्टा आवंटन दस साल के लिए होगा. वहीं एक तालाब के लिए अगर पात्र एक से ज्यादा हैं तो नीलामी की जाएगी. एसडीएम टूंडला ने कहा है कि जिन-जिन तालाबों, पोखरों और गड्ढ़ों के लिए एक से अधिक पात्रों के आवेदन आएंगे, उन तालाब, पोखर, गड्ढों का पट्टा आवंटन नीलामी से किया जाएगा.
ये होगी नीलामी की प्रक्रिया
नीलामी की दशा में अधिकतम बोली दाता को बोली की चौथाई राशि तत्काल जमा करानी होगी, अन्यथा की दशा में उसकी जमानत धनराशि राजकीय कोष में जमा कर दी जाएगी. दो हेक्टेयर से बड़े तालाबों का पट्टा आवंटन पंजीकृत मछुआ समुदाय की सहकारी समिति को किया जाएगा. शिविर में आवेदन पत्र व प्रार्थना पत्रों के साथ आय-जाति एवं निवास प्रमाण-पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा. आय प्रमाण-पत्र छह माह से अधिक पुराना नहीं होना चाहिए. प्रार्थना पत्र देते समय संबंधित नायब तहसीलदार से प्राप्ति रसीद लें.
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