नई दिल्ली. मछली पालन के जरिए भी किसानों की आय में इजाफा हो, इसके लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चलाती है. उत्तर प्रदेश सरकार ने साल 2023 में मछुआरों के लिए निषादराज बोट सब्सिडी योजना की शुरुआत की थी. ये योजना मुछआरों के लिए काफी अच्छी है. योजना प्रदेश में मत्स्य पालकों एवं मछुआरा समुदाय के लोगों को फिशिंग एवं नदियों व जलाशयों में मछली प्रबंधन व संरक्षण के माध्यम से रोजगार एवं आजीविका का रास्ता खोलती है. योजना के तहत जलाशयों, तालाबों, नदियों एवं अन्य जल संसाधनों में बिना इंजन की नाव (नॉन मोटराइज्ड), जाल, लाइफ जैकेट एवं आइसबाक्स आदि पर 40 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जाता है.
इस योजना से प्रदेश में मत्स्य पालन एवं फिशिंग पर निर्भर गरीब मत्स्य पालकों व मछुआरों को जलक्षेत्रों में शिकारमाही तथा मत्स्य प्रबन्धन के लिए आर्थिक रूप से मजबूत व स्वावलम्बी बनाये जाने की गरज से मदद मिलती है. वहीं इसके साथ ही संबंधित जलक्षेत्रों में अवैध फशिंग की रोकथाम व उसको नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है. बता दें कि मछली पालन एवं फिशिंग में नाव एवं पर्यटन स्थलों में नाव की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. नाव एक ओर जहां मछली पालन के लिए तालाबों में उपयोग में लायी जाती है, वहीं नदियों, झीलों एवं जलाशयों में फिशिंग के काम आती है. इस योजना से गरीब मछुआरों को अनुदानित बोट मिलने से उनको अपनी आजीविका चलाने में सहायता प्राप्त होती है.
67 हजार रुपये की मिलेगी मदद
गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अथवा राज्य सरकार द्वारा संचालित किसी अन्य योजना में नाव की कोई व्यवस्था नहीं की जाती है. इसलिए निषादराज बोट सब्सिडी योजना के तहत मत्स्य पालको एवं मछुआरों को नाव, जाल आदि की खरीद में आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जाती है. जिससे उनके परिवार के भरण पोषण में मटद हो सके. गौरतलब है कि निषादराज बोट सब्सिडी योजना के तहत 67 हजार रुपये अधिकतम सीमा तक की युडेन फिशिंग बोट अथवा फाइटर रिइनफोर्स्ट प्लास्टिक बोट (एफ.आर.पी. बोट), जाल, लाइफ जैकेट एवं आइसवाक्स आदि पर 40 प्रतिशत अनुदान की सुविधा दी जाती है.
20 फीसदी का किया गया इजाफा
इसे योजना में 40 फीसदी राज्य का हिस्सा है और 50 फीसदी लाभार्थी को खुद जमा करना होगा. योजना की इकाई लागत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 67 हजार है. वुडेन फिशिंग बोट अथवा एफआरपी बोट की यूनिट कास्ट 50 हजारु रुपये, लाइफ जैकेट और आइसयाक्स आदि की यूनिट कास्ट 17 हजार रुपये है. वहीं हर साल इस सामग्री के खरीदे मूल्य में इजाफा भी होता है. इसलिए 2023-24 से इकाई लागल में प्रतिवर्ष 5 प्रतिश्त की वृद्धि करते हुए योजना के पांचवें वर्ष के करते हुए इसमें 20 फीसदी का इजाफा किया गया है.
तो खुद देना होगा बाकी पैसा
वहीं मोटरबोट आदि की लागत 67 हजार रुपये से बढ़ जाने पर अतिरिक्त पैसा फायदा पाने वालों को खुद ही लगाना होगा. चुडेन फिशिंग बोट अथवा एफ.आर.पी. बोट की लम्बाई 15 से 18 फीट तक होगी. गुणवत्ता के दृष्टिगत वेन्डर्स के इनपैनेलमेन्ट की कार्यवाही निदेशक मत्स्य द्वारा की जायेगे और उसे विभागीय वेबसाइट/पोर्टल पर अप्लोड भी कराया जायेगा.
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