नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश की सरकार ने मछुआ समाज के लिए एक बड़ा ऐलान किया है. यूपी सरकार के मत्स्य मंत्री डॉ. संजय निषाद ने मत्स्य विभाग के पोर्टल पर www.fisheries.up.gov.in के जरिए आम आदमी से आवेदन हासिल कर समिति के गठन के लिए ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत की है. संजय निषाद ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि ऑनलाइन प्रक्रिया से समिति की गठन में पारदर्शिता और महुआ समुदाय को रोजगार हासिल करने में आसानी होगी. अब तक यूपी में 1135 समितियां गठित हो गई हैं. अभियान चलाकर नदी जलधारा पर 565 समितियां गठित कराई जाएंगी. सरकार की योजना है कि 16 हजार मछुआ समुदाय के लोगों को रोजगार दिया जाए.
मंत्री ने बताया कि हर न्याय पंचायत में समिति गठन का काम शुरू किया जाएगा. जिससे मछुआ समुदाय के व्यक्तियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार आएगा. उन्होंने बताया कि समिति को एक न्याय पंचायत में सीमित गठन की कार्यवाही कराई जाएगी. जिसके लिए नदी और खंड तालाब पर की पहचान की जाएगी. ताकि ज्यादा से ज्यादा मछुआ समाज के लोगों को समिति का सदस्य बनाया जा सके. साथ ही एक प्रतिस्पर्धा भी इससे होगी और राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी.
ये है समिति बनाने की शर्तें
मत्स्य पालन मंत्री डॉ संजय निषाद ने कहा कि समितियों को राजस्व विभाग की जल प्रणालियों के पट्टा आदि का आवंटन करने में राजस्व संहिता 2016 का पालन किया जाएगा. बाकी जल प्राणलियों के संबंध में संबंधित विभाग के प्रचलित नियमों को माना जाएगा. वहीं मत्स्य जीवी सरकारी समितियां, मत्स्य उत्पादों के बिक्री आदि संबंधित कार्य पूरे प्रदेश में कहीं भी कर सकेंगे. पोर्टल पर पंजीकरण करने की शर्तें भी रखी गई हैं. जिसमें पोर्टल पर मुख्य प्रवर्तक द्वारा आवेदन पंजीकरण करना होगा. रजिस्ट्रेशन के बाद तीन बैठकों का विवरण देना होगा. समिति के गठन के लिए न्यूनतम 27 सदस्य रखने होंगे. अधिकतम जितने चाहे उतने सदस्य रखे जा सकते हैं. 27 में से तीन सदस्य अनुसूचित जाति के 6 महिलाओं का होना अनिवार्य हैं.
एक परिवार से सिर्फ एक सदस्य ही कर पाएगा आवेदन
समिति की साधारण सदस्यता केवल ऐसे व्यक्तियों के लिए होगी, जिनका चरित्र अच्छा हो, मेंटली रूप से ठीक हों. 18 साल ज्यादा उनकी उम्र हो और मछली पकड़ने का कार्य जानते हों. सभी सदस्यों का अपना आधार कार्ड का मोबाइल नंबर भरना होगा. एक परिवार से एक ही व्यक्ति को शामिल किया जाएगा. सचिव की उम्र 20 साल से अधिक होनी चाहिए और शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट होना जरूरी है. मत्स्य विभाग द्वारा गठित समितियां में से किसी एक परिवार से एक ही सदस्य आवेदन कर सकता है. आवेदक द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने के 30 दिन के अंदर अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की जाएगी. उन्होंने बताया कि यूपी में मछुआ कल्याण कोष द्वारा मदद के लिए मछुआरों के बच्चों को आईएएस-पीसीएस कोचिंग करने का फैसला भी लिया गया है. इस मामले में राज्य सरकार द्वारा जीयो जारी कर दिया गया है. मछुआरों में अब आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा भी मिलने लगी हे.
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