Home मछली पालन Fishers: इस प्रदेश में पांच वर्षों में होगा मछली पालन के लिए 2300 करोड़ रूपये का निवेश, जानिए क्या है योजना
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Fishers: इस प्रदेश में पांच वर्षों में होगा मछली पालन के लिए 2300 करोड़ रूपये का निवेश, जानिए क्या है योजना

Under the Prime Minister Matsya Sampada Yojana (PMMSY), the flagship scheme of the Government of India in Andhra Pradesh, a total investment of Rs 2300 crore has been envisaged in the fisheries sector for five years. livestockanimalnews
समुंद्र से मछली पकड़ते मछुआरे. Live stockanimalnews

नई दिल्ली. सागर परिक्रमा के 10वें फेस में आंध्र प्रदेश के शेष तटीय जिलों यानी नेल्लोर, प्रकाशम, बापटला, कृष्णा, पश्चिम गोदावरी, कोनसीमा, काकीनाडा, विशाखापत्तनम, विजयनगरम, श्रीकाकुलम और यानम (केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी) को कवर किया गया है.

आंध्र प्रदेश विविध जल संसाधनों से समृद्ध
आंध्र प्रदेश 974 किलोमीटर लंबी तटरेखा, 33,227 किलोमीटर महाद्वीपीय शेल्फ क्षेत्र, 555 समुद्री मछुआरों के गांव, 2 मछली पकड़ने के बंदरगाह, 350 मछली लैंडिंग केंद्र, 31147 मछली पकड़ने के साधन और उपकरण, 65 शीतगृह (कोल्ड स्टोरेज), 64 प्रसंस्करण संयंत्र, 235 बर्फ संयंत्र, 28 फीड मिलें, 357 हैचरी और 234 एक्वालैब के साथ संभावित और विविध जल संसाधनों से समृद्ध है.

ऐसे पूरी होगी 2300 करोड़ रूपये के निवेश की परिकल्पना
आंध्र प्रदेश में भारत सरकार की प्रमुख योजना प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत पांच वर्षों के लिए मत्स्य पालन क्षेत्र में कुल 2300 करोड़ रूपये के निवेश की परिकल्पना की गई है. पीएमएमएसवाई के तहत शुरू की गई कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं में मछली लैंडिंग केंद्रों का निर्माण, मछली पकड़ने के बंदरगाहों का निर्माण, कोल्ड स्टोरेज/ बर्फ संयंत्रों का निर्माण, पारंपरिक मछुआरों के लिए गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के नए जहाजों का अधिग्रहण, ब्रूड बैंक का निर्माण, मीठे पानी की फिनफिश और खारे पानी के लिए हैचरी निर्माण, जलीय कृषि के लिए विस्तार क्षेत्र, फिंगरलिंग का भंडारण, रोग निदान और गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना, पारंपरिक और मोटर चालित जहाजों के लिए संचार और ट्रैकिंग उपकरण शामिल है.

इस तरह से होगा किसानों का उत्थान
सागर परिक्रमा मछुआरा समुदाय के कल्याण और तटीय विकास के लिए दूरदर्शी नेतृत्व की परिवर्तनकारी शक्ति का एक उदाहरण है. यह सरकार की ओर से की गई एक शानदार पहल है, जिसका मकसद मछुआरों, अन्य हितधारकों की परेशानियों का निस्तारण करना और सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न मत्स्य पालन योजनाओं और कार्यक्रमों जैसे प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई), मत्‍स्‍य पालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) उपलब्‍ध कराकर उनका आर्थिक उत्थान करना भी है.

मछुआरे मंत्रियों-अधिकारियों को बता सकते हैं समस्या
सागर परिक्रमा का मकसद लोगों की समस्‍याओं को जानकर उन्‍हें दूर करना और किसानों के जीवन स्‍तर में सुधार लाना और उनका आर्थिक उत्‍थान करना है. इस सागर परिक्रमा के दौरान मछुआरे अपने क्षेत्र में ही अपनी समस्‍याओं के बारे में मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत कर सकते हैं. यह यात्रा मछुआरों, मछली किसानों के मुद्दों को हल करने में लगातार सहायता करेगी और विभिन्न मत्स्य पालन योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई), किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) और भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से उनके आर्थिक उत्थान की सुविधा प्रदान करेगी.

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