नई दिल्ली. बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के मकसद से बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ने एक अहम कदम उठाया है, बिहार सरकार के पशुपालन विभाग ने 2 साल से बंद पड़ी समेकित बकरी विकास योजना को फिर से शुरू करने का ऐलान कर दिया है और सरकार ने गरीब परिवारों को बकरी पालन के माध्यम से स्वरोजगार उपलब्ध कराने की पहल की है. बताया जा रहा है कि इसका फायदा सभी वर्गों के लोगों को मिलेगा. बकरी पालन के लिए सामान्य वर्ग में आने वाली जातियों को 50 फ़ीसदी और एससी, एसटी वर्ग परिवार को 60 फीसदी अनुदान दिया जाएगा.
किसे कितना मिलेगा अनुदान
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने इस मद में 5 करोड़ 22 लाख 85 हजार रुपये का फंड निर्धारित किया है. कहा जा रहा है कि उन्नत नस्ल के बकरे की औसत कीमत 15 हजार रुपये तय की गई है. इसके लिए सामान्य वर्ग को एक लाख 21 हजार रुपए और एससी एसटी वर्ग के लोगों को को 1 लाख 45 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा. प्रति बकरा 20 बकरियों की लागत 2 लाख 42 हजार है. जिसमें सामान्य वर्ग के लिए एक लाख 21 हजार रुपए और आरक्षित वर्ग के लिए 1 45 हजार रुपये का अनुदान शामिल है.
तीन श्रेणियों में है योजना
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पशुपालन विभाग ने बेरोजगार युवाओं को प्रोत्साहित करने के मकसद से 2 साल से बंद पड़ी एकीकृत बकरी विकास योजना को फिर से शुरू कर दिया है. इस वर्ष राज्य सरकार ने एक बार फिर से बकरी पालन के माध्यम से गरीब परिवारों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए ऐलान किया है. विभाग जुड़े के अधिकारी का कहना है कि यह योजना को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. पहली श्रेणी के तहत 20 बकरियां और एक बकरे के लिए दूसरी 40 बकरी और दो बकरों के लिए है. जबकि तीसरी 100 बकरियां और पांच बकरों से शुरू होगी. जिसमें सामान्य वर्ग के लिए 50 फीसदी और अन्य को 60 प्रतिशत अनुदान मिलेगा.
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