नई दिल्ली. खेती-किसानी और पशुपालन के अलावा बहुत से किसान मछली पालन में भी हाथ आजमा रहे हैं. जिससे उन्हें अच्छा खासा मुनाफा भी मिल रहा है. मछली पालन के दौरान कुछ ऐसी बातें हैं, जिन पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी होता है. यदि मछली पालक को इन बातों के बारे में सटीक जानकारी होती है तो वह इस व्यवसाय से ज्यादा मुनाफा नहीं कमा सकते हैं. जबकि दूसरी ओर उन्हें नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है. आइए 5 पॉइंट में जानते हैं कि मछली पालन को किस तरह से फायदेमंद बनाया जा सकता है.
मछली पालन के लिए कितना बड़ा तालाब चाहिए
अगर बात की जाए मछली पालन के लिए तालाब की तो कम से कम दो हेक्टेयर का तालाब सही माना जाता है. उसे कम का तालाब बनाने से मछली पालन में खासा फायदा नहीं मिलता है. इसलिए शुरुआत में इतना बड़ा तालाब हो तो अवश्य बनाएं. जहां पर आप बड़ी संख्या मछलियों को पाल सकते हैं.
कितनी गहराई रखी जाए
मछली पालन में तालाब बड़ा होने के साथ-साथ गहरा भी होना चाहिए. कम से कम 7 फीट इसकी गहराई रखनी चाहिए. ताकि सभी तरह की मछलियां आराम से संतुलित रह पाएं. वैसे भी मछली पालन की व्यवसाय में एक ही तालाब के अंदर मिश्रित प्रकार की मछलियों को रखा जाता है. पानी में यह मछलियां अपने अनुसार संतुलन बना लेती हैं.
मछली को कब तालाब से बाहर निकले
मछली को बाहर तभी निकालना चाहिए जब एक से डेढ़ किलो की हो जाए. क्योंकि अगर मछली का वजन उस समय कम हुआ तो आपको नुकसान होगा. इसलिए मछली को इतना बड़ा होने तक का इंतजार करें. आमतौर मछली 10 से 12 महीने में इतने वजन की हो जाती है. इसके बाद बाहर जाकर बेचने के लिए भी तैयार होती है.
मछलियां कितना खाना खाती हैं
जब मछलियां छोटी रहती हैं तो अपने वजन का सिर्फ 5% ही दाना खाती हैं और जैसे-जैसे मछली बढ़ने लगती है और बड़ी हो जाती है तो उनका खाना वजन के हिसाब से 4 फ़ीसदी रहता है.
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