नई दिल्ली. बकरी पालन सस्ता और आसान है. बकरी को गरीबों की गाय कहा जाता है. अगर बकरी पाला जाए तो अच्छी कमाई की जा सकती है. बकरी पालन का सबसे बड़ा फायदा ये है कि बकरी बहुत कम चारा खाती है. अन्य मवेशियों भैंस की तुलना में 5वां हिस्सा खाती है. वहीं बकरी एक प्रजननशील पशु है, जो जुड़वां यहां तक कि कई बार तो तीन और चार बच्चे भी पैदा करती है. इससे पशुपालकों को खूब फायदा होता है. वहीं बकरी एक मजबूत पशु है, इसलिए मवेशियों, की तुलना में इसमें बीमारी का प्रकोप बहुत कम होता है और स्वास्थ्य प्रबंधन लागत भी कम होती है.
सबसे खास बात तो ये है कि बकरी का दूध आसानी से पचने वाला और औषधीय गुणों वाला होता है. बकरियों को “इंसानों की पालक माँ” कहा जाता है क्योंकि यह इंसानों के लिए कम एलर्जी वाली समस्या वाला दूध है. वहीं बकरी के दूध में कुछ अमीनो एसिड जैसे हिस्टिडीन, एस्पार्टिक एसिड, फेनिलएलनिन, थ्रेओनीन, कुछ खनिज जैसे सोडियम, आयरन, कॉपर, कुछ विटामिन जैसे विटामिन ए, निकोटिनिक एसिड और कोलीन प्रचुर मात्रा में होते हैं.
बेहद पौष्टिक होता है बकरी का मीट
बकरी की अन्य खासियत की बात की जाए तो बकरी की खाल उच्च गुणवत्ता वाली होती है, जैसे बंगाल बकरी की खाल दुनिया में सबसे अच्छी गुणवत्ता वाली होती है. वहीं बकरी का मांस बहुत स्वादिष्ट, पौष्टिक और हैल्थ के लिए अच्छा होता है. इसके बाल जैसे पश्मीना और मोहायर की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत अधिक है. बकरी के मल और पेशाब में एनपीके की मात्रा अधिक होती है और इसका उपयोग खेतों में मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए किया जाता है. साथ ही बकरियों के लिए उच्च स्तरीय आवास व्यवस्था की जरूरत नहीं होती और ये आसानी से अपने मालिकों और अन्य जानवरों के साथ अपना निवास स्थान साझा कर सकती हैं.
आसानी से होता है पालन-पोषण
बकरियां आसानी से उपलब्ध होती हैं. वहीं ये सस्ती भी होती हैं. उनका पालन-पोषण आसान होता है और वे लगभग सभी प्रकार के कृषि जलवायु वातावरण के साथ खुद को ढालने में सक्षम होती हैं. व्यावसायिक बकरी पालन व्यवसाय रोजगार और आय का एक बड़ा सोर्स है. इसलिए बेरोजगार शिक्षित लोग व्यावसायिक रूप से बकरियों को पालने के माध्यम से आसानी से एक बड़ा रोजगार और आय सोर्स बना सकते हैं. बकरी आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के लिए संभावित पशु है.
बकरी पालनक का नुकसान
हमेशा ही सिक्के के दो पहलू होते हैं. यदि बकरी पालन व्यापक प्रणाली में किया जाता है, तो इससे फसल को नुकसान हो सकता है और सभी चरने वाले जानवरों जैसे मवेशी, भैंस और भेड़ की तरह मिट्टी का कटाव भी हो सकता है. बकरी के दूध की खपत खराब गंध के कारण कम होती है. हालांकि ये बेहद ही फायदेमंद होता है.
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