नई दिल्ली. गोट फार्म में ब्रीडर बकरा बेहद ही अहम रोल अदा करते हैं. क्योंकि ब्रीडर बकरे फॉर्म की प्रजनन क्षमता और नस्ल में सुधार करने के काम में अहम भूमिका निभाते हैं. बकरे अगर हाई क्वालिटी के हैं तो उनसे अच्छे बच्चे मिलते हैं. जिससे फॉर्म में अच्छा उत्पादन करने वाले जानवरों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और उनसे कमाई होती है. एक्सपर्ट का कहना है कि ब्रीडर बकरे उच्च गुणवत्ता वाले बच्चे पैदा करते हैं. जिससे फार्म का उत्पादन बढ़ता है. वहीं ये बकरे कम समय में अधिक बच्चा पैदा करते हैं. जिससे फॉर्म की इनकम में भी वृद्धि होती है. जिसका सीधा फायदा गोट फार्मर्स को मिलता है.
अगर आपके फॉर्म में ब्रीडर बकरे हैं तो उनका ख्याल किस तरह से करना चाहिए, इस बात की जानकारी भी आपको होनी चाहिए. अगर आप बकरी पालक हैं तो इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि ब्रीडर बकरों का ख्याल किस तरह करना चाहिए. ताकि उत्पादन बेहतर मिले तो आईए जानते हैं. इस बारे में एक्सपर्ट का क्या कहना है.
ब्लड सैंपल लेते हैं और डीएनए टेस्ट भी होता है
आगरा में युवान एग्रो फार्म चलने वाले डीके सिंह से जब पूछा गया कि ब्रीडर बकरे का ख्याल वह अपने फार्म में कैसे रखते हैं? तो उन्होंने बताया कि आगरा स्थित युवान एग्रो फार्म में जितने भी ब्रीडर बकरे हैं, वो बेहद ही खास क्वालिटी वाले हैं. क्योंकि इन बकरों को दस हजार बकरों में से चुना गया है. यहां पर 500 बकरे पाले जा रहे हैं जो बेहतर नस्ल उत्पादन करने वाले जानवरों को पैदा करते हैं. यहां लाए जाने वाले सारे ब्रीडर बकरों का डीएनए टेस्ट भी कराया गया है. उनके ब्लड का सैंपल भी लिया जाता है और समय-समय पर स्पर्म भी टेस्ट कराया जाता है.
बकरों को खिलाया जाता है अंडा
वहीं फीड मैनेजमेंट की बात की जाए तो युवान एग्रो फार्म में इनके फीड को अलग रखा जाता है. उसमें फैट की मात्रा बेहद ही कम रहती है. जबकि उसमें प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है. अगर बकरों में कोई भी विटामिन की कमी होती है तो उसे बढ़ाया जाता है. इसके लिए उन्हें नियमित रूप से अंडे खिलाए जाते हैं और दूध पिलाया जाता है. ताकि वह उत्पादक रहें. ताकि उनके जो भी बच्चे हों हेल्दी पैदा हों और ऐसा करते हैं तो ब्रीडर बकरों से पैदा हुए बच्चे स्वस्थ होते हैं. उनमें मृत्यु दर कम दिखाई देती है और उनकी ग्रोथ बेहद ही तेजी से होती है.
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