Home मीट Goat Farming: मीट के लिए पालें इस नस्ल के बकरे, विदेशों में भी है डिमांड, बकरी हर दिन देती है इतना दूध
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Goat Farming: मीट के लिए पालें इस नस्ल के बकरे, विदेशों में भी है डिमांड, बकरी हर दिन देती है इतना दूध

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बरबरी बकरी की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. बकरी पालन की जब बात आती है तो जहन मीट प्रोडक्शन पर जाता है. क्योंकि ज्यादातर बकरे—बकरियों का पालन इसी के लिए किया जाता है. हालांकि अब बकरी का दूध भी खूब उपयोगी बन गया है. खासतौर पर डेंगू जैसे बीमा​रियों के वक्त तो ये किसी अमृत से कम नहीं होता है. डॉक्टर भी इसके सेवन की सलाह देते हैं. अगर बकरी पालन मीट और दूध दोनों चीजों को नजर में रखकर किया जाए तो इससे फायदा ज्यादा हो सकता है. बरबरी नस्ल की बकरी इसमें से एक ऐसी ही नस्त है जो दोनों परपज से पाली जा सकती है.

अगर देश में हुई पशु जनगणना पर गौर करें देश में बरबरी बकरे-बकरी की संख्या 20 लाख से ज्यादा है. बरबरी बकरे की नस्ल को बनाए रखने और इनके कुनबे को और बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार का संस्थान सीआईआरजी, फरह, मथुरा में तमाम रिसर्च किया जाता है. यहां बकरी पालन से संबंधित कई तरह के कोर्स भी कराए जाते हैं. बरबरी नस्ल की बकरी के बच्चे भी मिलते हैं. जिसका इस्तेमाल ब्रीडिंग सेंटर चलाने के लिए किया जाता है. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर लोग बकरी पालन की ट्रेनिंग भी ले सकते हैं.

मुस्लिम देशों में खूब है डिमांड
बरबरी नस्ल का बकरा वजन में 25 से 40 किलो तक का हो जाता है. देश के अलावा अरब देशों में बरबरी नस्ल के बकरे को खूब पसंद किया जाता है. क्योंकि यहां बरबरी बकरे को मीट के लिए बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है. बता दें कि डिब्बा बंद मीट के साथ जिंदा बरबरे बकरे भी सऊदी अरब, कतर, यूएई, कुवैत के साथ ही ईरान-इराक में सप्लाई किए जाते हैं. देखने में भी बरबरी नस्ल के बकरे बहुत खूबसूरत होते हैं तो बकरीद के मौके पर लोग कुर्बानी पशु पालकों का मनचाहा दाम देने को तैयार हो जाते हैं.

क्या है इसकी पहचान, पढ़ें
सीआईआरजी के सीनियर साइंटिस्ट एमके सिंह ने कहा कि बरबरी नस्ल के बकरे और बकरियों की पहचान करना है तो सबसे पहले कान और रंग देखें. क्योंकि 37 नस्ल के बकरे और बकरियों में बरबरी नस्ल ऐसी हैं जिसके बकरे और बकरियों के कान ऊपर की ओर उठे हुए नुकीले, छोटे और खड़े ही मिलेंगे. अगर रंग की बात करें तो सफेद रंग की खाल पर भूरे रंग के धब्बे होते हैं. नाक चपटी और पीछे का हिस्सा भारी होता है.

बरबरी नस्ल के बकरे और बकरियों की खासियत पढ़ें
ये बकरी 13 से 14 महीने की उम्र पर बच्चा देने लायक हो जाती है.
खास बात ये है कि 15 महीने में दो बार बच्चे देती है.
एक बार बच्चा देने के बाद दूसरी बार 90 फीसद तक दो से तीन बच्चे देती है.
10 से 15 फीसदी तक बरबरी बकरी 3 बच्चे ही जन्म देती है.
बरबरी बकरी 175 से 200 दिन तक दूध देने की क्षमता होती है.
बरबरी बकरी रोजाना औसत एक लीटर तक दूध देने में सक्षम होती हैं.

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