नई दिल्ली. पशुपालन से बहुत से किसान अच्छी खासी आय कमा रहे हैं. यही वजह है कि पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की भी कोशिशें कर रही है. सरकार भी चाहती है कि पशुपालन के जरिए किसानों की आय को दोगुना कर दिया जाए. इसी वजह से समय-समय पर पशुपालन को बढ़ाव देने के लिए तमाम योजनाएं चलाई जाती हैं. ताकि किसान इससे फायदा उठाकर पशुपालन में हाथ आजमाएं और अपनी आय में एक और सोर्स को जोड़ लें, ताकि उनको भी फायदा मिले और किसान देश की अर्थव्यवस्था में और ज्यादा योगदान दे सकें.
इसी क्रम में पशुपालन और डेयरी विभाग के तहत कई सरकारी योजनाएं संचालित की जाती हैं. उन योजनाओं में आज हम यहां तीन योजनाओं का जिक्र करने जा रहे हें. जो पशुपालन और डेयरी कारोबार को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही है. आइए जानते हैं कि इन योजनाओं का क्या-क्या फायदा है.
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन
राज्यों द्वारा स्वदेशी गोजातीय नस्लों के संवर्धन, विकास और संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए भारत सरकार ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना की शरुआत की थी. जो विशेष रूप से राष्ट्रीय गोजातीय प्रजनन और डेयरी विकास नाम के कार्यक्रम के एक भाग के रूप में शुरू की गई सरकार की नई पहल है. बता दें कि यह भारत के 18 प्रमुख डेयरी राज्यों में संचालित की जा रही है. यह योजना विश्व बैंक सहायता प्राप्त परियोजना राष्ट्रीय डेयरी योजना-1 से अलग है, जिसमें मवेशियों और भैंसों की 12 देशी नस्लों के विकास और संरक्षण को शामिल किया गया है.
- राष्ट्रीय काम धेनु आयोग
सरकार की ओर से अंतरिम बजट 2019 में भारत में गायों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की देखभाल के लिए ‘राष्ट्रीय काम धेनु आयोग’ की शुरुआत की थी. यह योजना गायों के उत्पादन और उत्पादकता में सुधार की दिशा में काम करने के लिए लाई गई है. ताकि गायों से ज्यादा से ज्यादा उत्पादन मिल और इसका फायदा किसानों को मिले. नई पहल गाय संसाधनों के स्थायी आनुवंशिक उन्नयन को बढ़ाने की दिशा में काम करेगी और गायों के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के तरीके खोजेगी. - राष्ट्रीय पशुधन मिशन
सरकार की ओर से चलाई जा रही तीसरा योजना का मुख्य उद्देश्य उद्यमिता विकास और पोल्ट्री, भेड़, बकरी और सुअर पालन में नस्ल सुधार सहित चारा और चारा विकास पर है. यह योजना निम्नलिखित तीन उप-मिशनों के साथ कार्यान्वित की गई है. पशुधन और कुक्कुट के नस्ल विकास पर उप-मिशन, चारा और चारा विकास पर उप-मिशन, विस्तार और नवाचार पर उप-मिशन आधारित है.
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