नई दिल्ली. हरियाणा में खेती किसानी से जुड़ी योजना में धांधली का बड़ा मामला सामने आया है. वहीं कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने अनियमिताओं का पता चलने के बाद बाजरा उत्पादक किसानों के लिए भावांतर भरपाई योजना कार्यान्वयन में लापरवाही बरतने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है. इसी बीच खबर आई है कि कुछ जिलों में लाभार्थियों को लाभ जारी कर दिया गया है. कृषि विभाग से पता चला है कि दलाल ने जनवरी में हुई एक बैठक में भी के तहत धन के दुरुपयोग को गंभीरता से लिया था.
मंत्री ने तब कहा था कि कुछ अधिकारियों ने लाभार्थियों के चयन के लिए सत्यापन प्रक्रिया में उचित निगरानी नहीं की है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक नोट में कहा गया कि मेरी फसल मेरा ब्योरा एमएफएमबी पोर्टल पर उपलब्ध विवरण के मुताबिक अपात्र लोगों को का डाटा सत्यापित किया गया.
मांगा अधिकारियों का ब्योरा
एमएफएमबी पर बाजरे की फसल के तहत पंजीकृत क्षेत्र कुछ गांव में कुल विदेशी क्षेत्र से अधिक था. जहां भूमि समीकरण नहीं हुआ है. मंत्री ने उन अयोग्य किसानों का विवरण अभी मांगा. पिछले वर्षों में भी एमएफएमबी के तहत राशि दी गई थी. उन अधिकारियों के नाम भी पूछे गए जो जुलाई के लिए जिम्मेदार थे. उन्होंने कहा कि मुझे अधिकारियों का विवरण प्रदान करें. यदि कोई कार्रवाई नहीं की गई तो इसका कारण ही बताया जाए.
कई एफआईआर भी दर्ज हुई है
मंत्री ने 12 जनवरी को भिवानी में भी के तहत किसानों को मिलने वाले लाभ को रोकने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि कुछ सामान्य सेवा केंद्र के मालिक और इंटरनेट की जानकारी रखने वालों ने धोखा किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने कुछ जिलों में किसानों को एमएफएमबी के तहत लाभ जल्दबाजी में जारी कर दिया गया था. योजना के तहत फर्जी तरीके से लाखों रुपये का लाभ लेने के आरोप में भिवानी में कई पुलिस स्टेशन में 10 से ज्यादा एफआईआर दर्ज है. भिवानी जिले में एक घोटाले की जांच भी चल रही है.
300 अयोग्य किसानों का चला था पता
हिसार में भी जिला प्रशासन में 300 अयोग्य किसानों का पता लगाया था. उन्होंने एमएफएमबी के तहत फायदा हासिल करने के मकसद से हजारों एकड़ जमीन पर एमएफएमबी पोर्टल पर खुद को बाजारा उगने वाले किसानों के रूप में पंजिकृत किया था, लेकिन हिसार प्रशासन ने उन किसानों मिलने वाले लाभ को रोक दिया था. इस मामले में कार्रवाई की गई है.
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