Home मछली पालन Fish Farming: मछली पालन में कितना जरूरी है खाद डालना, क्या हैं इसके फायदे जानें यहां
मछली पालन

Fish Farming: मछली पालन में कितना जरूरी है खाद डालना, क्या हैं इसके फायदे जानें यहां

fish farming in pond
प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. फिश फार्मिंग में खाद की बात की जाए तो एक्सपर्ट कहते हैं कि मत्स्यपालन में खाद का उतना ही महत्व है, जितना कृषि में. दरअसल, मछलियां इनडायरेक्ट मिट्टी काही उत्पादन है, न कि सिर्फ पानी की. वैसे तो मत्स्यपालन में पानी का ही महत्व नजर आता है पर पानी की उर्वरता उसके तल की मिट्टी पर ही निर्भर करती है. इसलिए मछलियों के अधिक उत्पादन के लिए तालाब की मिट्टी पर ही निर्भर करती हैं. इसलिए मछलियों के अधिक उत्पादन के लिए तालाब की मिट्टी को उर्वरा बनाना आवश्यक है और यह उचित खाद के प्रयोग द्वारा ही किया जा सकता है.

तालाब में खाद व्यर्थ न होने पाये, इसके लिए खाद डाले जाने से पहले मिट्टी की जांच जरूर कर लेनी चाहिए, जिससे आवश्यक खाद की किस्म और ​कितनी खाद का इस्तेमाल करना इसकी जानकारी हो जाए. यदि कम खाद की जरूरत है तो कम डाली जाए. ज्यादा की तो ज्यादा डाली जाए.

खाद डालने से पहले डालें चूना
खाद डालने से पहले तालाब में चूना डालना आवश्यक हैं क्योंकि यह मिट्टी की अम्लीयता नष्ट कर उसे मत्स्यपालन के अनुकूल बनाता है. मिट्टी को खाद अवषोषित करने में सक्षम बनाता है. तालाब के मिट्टी तथा पानी की जांच एक आवश्यक पहलू है, जिससे तालाब की गुणवत्ता को बरकरार रखा जा सकता है. मिट्टी या पानी का अभिक्रिया मान 6.3 से 9.0 तक मछली उत्पादन के लिए उपयुक्त हैं. अभिक्रिया मान 9.0 से अधिक होने पर वहाँ पौधे नहीं उगते हैं. वहां पर मछली पालन भी नहीं हो सकती है. अभिक्रिया मान 6.3 से कम होने पर पानी अम्लीय हो जाता है तो इसे ठीक/सामान्य करने के लिए चूना का प्रयोग किया जाता है. बारिश के समय भी तालाब के पानी का अभिक्रिया मान घटने लगता है. इसलिए चूने का प्रयोग जरूरी है.

खाद का इस्तेमाल
तालाब में जैविक तथा रासायनिक दोनों खादों का बारी-बारी से प्रयोग करना ज्यादा फायदेमंद होता है, जैविक खाद के रूप में गोबर, कुक्कुट के मल, बायो गैस स्लरी आदि तथा रासायनिक खाद के रूप में यूरिया या अमोनिया सल्फेट तथा सिंगल सुपर फास्फेट या ट्रिपुल सुपर फास्फेट का प्रयोग करते हैं. मछलियों के ज्यादा उत्पादन के लिए तालाब की मिट्टी को उचित खाद के प्रयोग द्वारा उर्वरा बनाना जरूरी है. खाद डालने से पूर्व तालाब में चूने का प्रयोग अति आवश्यक है. क्योंकि यह तालाब के जल को मत्स्यपालन के अनुकूल बनाता है तथा मछलियों को संभावित बीमारियों के प्रकोप से बचाता है. हल्की क्षारीय मिट्टी वाले तालाब में मुख्यतः दो प्रकार की खादों का उपयोग किया जाता हैं.

मछलियां बड़े चाव से खाती हैं
कार्बनिक खाद की बात की जाए तो जैविक पदार्थों के सड़ने-गलने से जो खाद प्राप्त होता है. जैसे-मवेशियों का खाद, सड़े-गले पत्ते-पत्तियों का कम्पोस्ट. वहीं अकार्बनिक खादः इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाशयुक्त खाद आते हैं. बीज संचयन के पहले खाद के रूप में तालाब में 10 टन प्रति हेक्टेअर की दर से गोबर का प्रयोग करें, इससे पानी में जैविक आहार तैयार होता हैं. इन्हें मछलियां बड़े चाव से खाती हैं. इस खाद का आधा भाग संचयन से पहले और आधा संचयन के बाद बराबर हिस्सों में बाँटकर हर महीने प्रयोग करें.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

how to treat a fish ulcer
मछली पालन

Fish: मछली बीज का ज्यादा उत्पादन लेने के लिए पढ़ें एक्सपर्ट की ये सलाह

मत्स्य बीज पक्षेत्र सुनारू फतुहा पटना के सहायक मत्स्य निदेशक डॉ. टुनटुन...