नई दिल्ली. देसी मुर्गी एक अच्छी मां होने के कारण हमेशा अपने अंडे और चूजों की पूरी देखभाल करती है. पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि कुड़क मुर्गी अंडो या नवजात चूजों के ऊपर पंखों को फैलाकर बैठती है और उन्हें अपनी शरीर के तापमान से गर्म रखती है. यह देखा गया है कि कुड़क मुर्गी की देखभाल ग्रामीण पशुपालक नहीं कर पाते हैं. इसके चलते मुर्गी को कहीं भी बैठना पड़ता है और इसकी इस वजह से उनके अंडे खराब हो जाते हैं. वहीं मुर्गियां जूं, किलनी आदि से भी परेशान रहती है.
पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि कुछ चीजें हैं, जिन्हें करके पोल्ट्री फार्मिंग में मुनाफा बढ़ाया जा सकता है. पोल्ट्री फार्मिंग में अंडों से हासिल होने वाले चूजों की संख्या बढ़ाई जा सकती है. आइए जानते हैं कि एक्सपर्ट ने क्या-क्या टिप्स दिए हैं.
क्या-क्या करना है, पढ़ें यहां
- घोंसला, लेइंग नेस्ट, वह स्थान है जिसे एक बांस की टोकरी या लकड़ी के बक्से से बनाया जा सकता है. जो मुर्गी घर के कोनों में, किसी ऊंचे स्थान पर रखा जाना चाहिए. घर पर उपलब्ध पुरानी टोकरी, टूटी हंडी का भी इस्तेमाल किया जाता है.
- घोंसले पर सूखी, मुलायम, साफ पैरा घास का बिछौना बिछाया जा सकता है, जहां कुड़क मुर्गी बैठ सके.
- इन मुर्गियों को व उनके घोंसलों (लेइंग नेस्ट) को जूं, किलनी आदि बाहरी कीड़ों से बचाये रखना चाहिए. ताकि बार-बार खुजली से परेशानी न हो व मुर्गियां आराम से अंडे को से सकें.
- एक साफ-सुथरा, आरामदायक घोंसला बनाना चाहिए. इससे अडे गंदे नहीं होते हैं. वहीं जंगली जानवर और पक्षी अंडे खा नहीं पाते हैं. साथ ही अंडो के चटकने टूटने, अंडो खाने की आदत में कमी और अंडों के खराब होने का अंदेश बिल्कुल कम हो जाता है.
- अंडा देने वाली मुर्गी को नियमित रूप से प्रति तीन महीने के बाद कृमिनाशक दवापान कराना चाहिए.
- घोंसला की जगह अकेले में होनी चाहिए. मुर्गीयां हमेशा अकेले स्थान पर ही अंडे देना पसंद करती हैं, इस कारण घोंसला हमेशा ऐसे स्थान पर रखें जहां जयादा शोर न हो.
- मुर्गी का घोंसला ऐसी जगह बनाये जहां पर सीधे तौर पर सूरज की रोशनी न पड़ती है. अगर अंधेरा रहेगा तो सही रहेगा. जगह हवादार होनी चाहिए.
- जमीन से कम से कम 2 फीट/1 हाथ की ऊंचाई पर हो तो बेहतर है. वहीं जगह ठंडी व सूखी होनी चाहिए.
- घोंसले के नजदीक हर समय साफ, पीने का पानी उपलब्ध होना चाहिए. इससे प्यास लगने पर उन्हें समय से पानी मिल जाएगा.
- घोंसले में दाना कोंडा, पत्ती, मक्का आदि रखना चाहिए. ऐसा करने से मुर्गी ज्यादा से ज्यादा समय अंडा सेने के लिए बैठती हैं.
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