नई दिल्ली. भारत सरकार पशुपालन और डेयरी विभाग के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के मौजूदा क्रेडिट गारंटी फंड से व्यवसायी, व्यक्तिगत किसानों और सहकारी समितियों की परियोजनाओं को क्रेडिट गारंटी सुविधा भी प्रदान करती है. बताते चलें कि एफआईडीएफ के तहत पहले चरण में 27 परियोजनाओं को पूरा किया गया था, जिसमें मछली पकड़ने वाले जहाजों की सुरक्षाा, मछली लैंडिंग में इजाफा और मछुआरों अन्य हितधारकों को फायदा हुआ. इतना ही नहीं इस पूरे कार्य से 2.5 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर भी पैदा हुए.
मछुआरों को हुआ बड़ा फायदा
बता दें कि एफआईडीएफ के तहत राज्य सरकारें / केंद्र शासित प्रदेश, राज्य के स्वामित्व वाले निगम, राज्य सरकार के उपक्रम, सरकार प्रायोजित, समर्थित संगठन, मत्स्य पालन सहकारी संघ, सहकारी समितियां, मछली किसानों और मछली उत्पादों के सामूहिक समूह, पंचायत राज संस्थान, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ), महिलाएं और उनके उद्यमी, निजी कंपनियां और उद्यमी जैसी पात्र संस्थाएं हैं. एफआईडीएफ के पहले चरण में 27 परियोजनाओं को पूरा किया गया, 8100 से अधिक मछली पकड़ने वाले जहाजों के लिए सुरक्षित लैंडिंग और बर्थिंग सुविधाएं बनाई गईं, 1.09 लाख टन की मछली लैंडिंग में वृद्धि हुई, लगभग 3.3 लाख मछुआरों और अन्य हितधारकों को लाभ हुआ और 2.5 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन हुआ.
क्या-क्या है एफआईडीएफ का फायदा
सरकारी प्रेस रिलीज में कहा गया कि एफआईडीएफ का विस्तार वित्तीय संसाधनों का लाभ उठाएगा, सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों से मत्स्य पालन और जलीय कृषि के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में अधिक निवेश को प्रोत्साहित करेगा. जिससे मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के आर्थिक विकास और विस्तार को बढ़ावा मिलेगा. एफआईडीएफ न केवल मत्स्य पालन और जलीय कृषि के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण को प्रोत्साहन देगा, बल्कि यह प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) और किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की उपलब्धियों को पूरक और समेकित करेगा और इसे अधिक हितधारकों को लाने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना बनाएगा. , निवेश, रोजगार के अवसर, मछली उत्पादन में वृद्धि और मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र में परिवर्तन भी लाएगा.
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