Home पशुपालन Water: कैसे पता करें पशु प्यासा है या नहीं, यहां पढ़ें प्यास लगने पर पशु क्या-क्या देते हैं संकेत
पशुपालन

Water: कैसे पता करें पशु प्यासा है या नहीं, यहां पढ़ें प्यास लगने पर पशु क्या-क्या देते हैं संकेत

Sahiwal cow, Haryana Government started Animal Husbandry Haryana Livestock Insurance Scheme
प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. पशुओं को गर्मियों में ज्यादा पानी की जरूरत होती है. इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि गाय हो या फिर भैंस, अगर 10 लीटर दूध का उत्पादन कर रही है तो उसे 30 लीटर तक पानी दिया जाना चाहिए. इससे उनके शरीर में पानी की कमी नहीं होगी. क्योंकि अगर ग​र्मी में पशुओं के शरीर में पानी की कमी हो गई तो उन्हें डिहाइड्रेशन हो सकता है. इससे दूध उत्पादन भी कम हो सकता है. वहीं पशुओं को समस्या होगी वो अलग. इसलिए जरूरी है कि पशुपालक हमेशा ही पशुओं की प्यास का ख्याल रखें.

गर्मी में पशुओं को साफ और ठंडा पानी दिया जाना चाहिए. इससे पशुओं फायदा मिलता है. कई बार पशुपालक ये समझ नहीं पाते हैं कि पशुओं को प्यास लगी है या नहीं. यहां हम आपको बता रहे हैं कि अगर पशु प्यासा है तो वो खुद इस बात की ओर इशारा करता है. बस जरूरत उसे समझने की है. आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि पशु क्या-क्या इशारा करता है प्यास लगने पर.

कितना पानी पिलाना चाहिए
आमतौर पर होता यही है कि किसान भाई अक्सर आहार की कमी तो पशुओं को नहीं होने देते हैं लेकिन पानी पर उतना ज्यादा फोकस नहीं करते हैं. कई बार उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं दे पाते हैं. जिसकी वजह से पशु डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाते हैं. पशु को इस स्थिति से बचाने के लिए रोजाना 35 से 40 लीटर पानी पिलाना की जरूरत होती है. एक्सपर्ट ये भी कहते हैं कि पशुओं के आगे साफ और ठंडा पानी रखा जाए. वो जब तक पानी पूरी तरह से पी न लें तब तक हटाया न जाए. समय-समय पर उन्हें पानी दिया जाए.

ये हैं पशुओं की प्यास के संकेत
एक्सपर्ट के मुताबिक अगर पशुओं को वक्त से और उनकी जरूरत के मुताबिक पानी न दिया जाए तो ऐसे शारीरिक संकेत और व्यवहार संबंधी संकेत दोनों के ही जरिए इशारा करते हैं. पशु बोल तो सकत नहीं लेकिन उनकी एक्टिविटी से उनकी प्यास का अंदाजा लगाया जा सकता है. कोई जानवर निर्जलित है या नहीं, इसको पता लगाना मुश्किल भी नहीं है. पशुओं में जब पानी की कमी होती है तो सामान्य लक्षणों में सुस्ती, त्वचा में कसाव, वजन कम होना और श्लेष्मा झिल्ली और आंखों का सूखना आदि संकेत दिखते हैं. जब डेयरी और बीफ मवेशी निर्जलित हो जाते हैं, तो आंखें धंसी हुई और सुस्त दिखाई देती हैं.

पानी देने के लिए ये रास्ता अपनाएं
अगर आप भी अपने पशु को बार-बार पानी देना भूल जाते हैं या फिर आलस के चलते ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो उसका भी रास्ता है. इसके लिए लिए ऑटोमेटिक वाटर सिस्टम बहुत ही फायदेमंद हो सकता है. इससे आपको बार-बार पशुओं को पानी देने की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा. ऑटोमेटिक वाटर सिस्टम बनाने के लिए कुछ सामग्रियों की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए एक चौकोर तब या कंटेनर लेना होगा. पानी के लिए पाइप नल की जोड़ने वाली एक यूनिट, फ्लोर बॉल वॉल्व, एक बाल्टी, एक टैब या ठूठी लेनी होगी. इन सब सामान से आप ऑटोमेटिक वाटर सिस्टम बना सकते हैं.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

live stock animal news, Survey on farmers, farmers' income, farmers' movement, MSP on crops, Chaudhary Charan Singh Agricultural University, HAU, agricultural economist Vinay Mahala, expenditure on farming.
पशुपालन

Animal Husbandry: डेयरी पशुओं की इन चार परेशानियों का घर पर ही करें इलाज, यहां पढ़ें डिटेल

वैकल्पिक दवाओं की जानकारी पशुपालकों के लिए जानना बेहद ही अहम है....