Home मीट Meat: मीट के लिए पाली जा रही बकरियों की सेहत की कैसे करें निगरानी, कमजोर हो तो जानें क्या करें
मीट

Meat: मीट के लिए पाली जा रही बकरियों की सेहत की कैसे करें निगरानी, कमजोर हो तो जानें क्या करें

breeder goat
बीटल बकरी, goatwala.com

नई दिल्ली. बकरी पालन में एक बात का जरूर ध्यान देना चाहिए जो बहुत ही अहम है. हमेशा बकरी पालक को ये देखा चाहिए कि बकरी न तो ज्यादा मोटी हो और न ही ज्यादा दुबली-पतली रहे. दोनों ही कंडीशन में मीट के लिए बकरी बेहतर नहीं होगी. ज्यादा फैट वाली बकरी के मीट में वसा ज्यादा हो जाती है, जो मीट की क्वालिटी को कम करती है. वहीं बहुत कमजोर बकरी की वजह से उत्पादन पर बुरा असर पड़ता है. इसलिए उसे संतुलित आहार दिया जाना चाहिए. इसके साथ बकरी की सेहत का पता करना भी बकरी पालक को आना चहिए.

एक्सपर्ट कहते हैं कि शारीरिक स्थिति का मतलब जानवर की मसल से है. उत्पादकों को अपने पशुओं की शारीरिक स्थिति के बारे में हमेशा ही परेशान रहना चाहिए. पशुओं को बहुत पतला या बहुत मोटा नहीं होने देना चाहिए. मीट वाली बकरियों की शारीरिक स्थिति की निगरानी करना बहुत ही जरूरी है. यदि प्रजनन के समय ठंड कम या अधिक हो तो प्रजनन में दिक्कत आ सकती है. अधिक या कम कंडीशनिंग के क्लीनिकल ​​लक्षणों में शामिल हो सकते हैं.

हाथ से चेक करें सेहत
किसी जानवर के शरीर की स्थिति निर्धारित करने के लिए उसे देखना और उसे शारीरिक स्थिति स्कोर (बीसीएस) बताना ठीक नहीं है. बल्कि, जानवरों को छूकर उनका मूल्यांकन करना चाहिए. किसी जानवर के शरीर की स्थिति निर्धारित करने के लिए महसूस करने और छूने का सबसे सही एरिया रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ पसलियों का क्षेत्र होता है. उन क्षेत्रों पर हाथ चलाकर और कभी—कभी उंगलियों से दबाकर और ऐसा करने पर पशुपालकों को वसा की मात्रा निर्धारित करने में सक्षम होता है.

फिर दें जरूरी पोषक तत्व
निगरानी के लिए अन्य क्षेत्र कंधे, पूंछ के सिर, पिन, हुक, कमर के किनारे और रीढ़ की हड्डी को देखा जा सकता है. उत्पादकों को अपने पशुओं की स्थिति की निगरानी दो तरह से कर सकते हैं. एक तो छूकर दूसरा देखकर. यदि आप रीढ़ की हड्डी और पसलियों को आसानी से देख सकते हैं, तो संभवतः बकरियां अल्पपोषित हैं. जब शरीर की स्थिति कम होने लगती है, तो यह एक संकेत है कि फ़ीड आपूर्ति या गुणवत्ता सीमित हो रही है. अपने आहार व्यवस्था में सुधार करें. अगर आप बकरियों के पतले होने तक इंतजार करने लग जाएंगे तो उत्पादन पर इसका बुरा असर पड़ेगा.

ब्रीडर की सेहत का भी रखें रख्याल
वहीं किसी को प्रजनन करने वाले ब्रीडर की शारीरिक स्थिति के बारे में भी चिंतित होना बेहद ही जरूरी होता है. यदि प्रजनन काल की शुरुआत में ब्रीडर बहुत पतले होंगे तो उनकी प्रजनन क्षमता कम हो जाएगी. जबकि दूसरी ओर, यदि ब्रीडर को अधिक भोजन दिया जाता है और वे बहुत मोटे हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में उनमें प्रजनन की कोई इच्छा नहीं हो सकती है. जिससे वो फिर कोई काम के नहीं रह जाते हैं.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

boneless meat export
मीट

Meat: मीट को बीमारी रहित बनाने के लिए पशु शेड से लेकर स्लाटर हाउस तक होंगे ये 22 काम

एक्सपर्ट का कहना है कि अगर इन नुकसानों से बचना है तो...

mutton, livestock
मीट

Meat: मीट बेचने के लिए अब इन नियमों का करना होगा पालन, पढ़ें डिटेल

मांस प्रोडक्ट चाहे ताजा हो या फिर ठंडा किया हुआ हेल्दी, साफ,...

buffalo meat, Availability Of Meat Per Capita, Meat Export, Meat Product, MEAT PRODUCTION
मीट

Meat Export: मिस्र अब भारत से इस शर्त पर इंपोर्ट करेगा मीट, हलाल से जुड़ा है मामला, पढ़ें डिटेल

मिस्र में हलाल मीट का सर्टिफिकेशन करने वाली एजेंसी को आईएसईजी कहा...