नई दिल्ली. मछली पालन करके किसान अपनी आय को बढ़ा सकते हैं. अगर एक एकड़ तालाब में मछली का पालन किया जाए तो इससे लाखों रुपए की कमाई की जा सकती है. हालांकि मछली पालन में मौसम के लिहाज से उनकी देखरेख करने की भी जरूरत होती है. बात अगर ठंड के मौसम की है तो जान लें कि यह मौसम मछलियों के लिए बेहद ही नुकसानदायक होता है. क्योंकि इस मौसम में मछलियां जल्दी से बीमार हो जाती हैं और टेंपरेचर में गिरावट की वजह से उनकी ग्रोथ रेट पर भी असर पड़ता है. हालांकि ठंड में मछली को होने वाले नुकसानों से बचाया भी जा सकता है. बस जरूरत इस बात की है कि उनकी देखरेख एक्सपर्ट की बताए हुए तरीके से की जाए.
मछली पालन ठंड में भी किया जा सकता है लेकिन इसके लिए जरूरी यह है कि मछलियों का ख्याल ठंड के मौसम के लिहाज से किया जाए. अगर ऐसा न किया जाए तो मछलियां जल्दी बीमार पड़ सकती हैं और उनकी मौत भी हो सकती है. इसलिए ठंड में मछलियों को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है. फिश एक्सपर्ट कहते हैं कि सर्दियों में मछलियों को ठंड भी लगती है. इसलिए उन्हें इससे भी बचाना पड़ता है. अगर देखभाल में लापरवाही की जाती है तो फिर बड़ा नुकसान हो सकता हहै.
कितना होना चाहिए पानी का टेंप्रेचर
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि सर्दियों में मछलियों को ठंड से बचाने के लिए के लिए हमेशा तालाब का तापमान 20 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रखना चाहिए. कभी भी मछलियों को ज्यादा आहार देने की कोशिश न करें. जब ठंड हो तो हल्का और कम मात्रा में आहार देना मुफीद होता है. पानी की समय-समय पर सफाई करते रहना और मछलियों की जांच करते रहना ठंड के वक्त में सबसे जरूरी कामों में से एक है. पानी में ऑक्सीजन का स्तर बनाए रखने के लिए एयरेटर इस्तेमाल किया जाता है. अगर आप चाहें तो तालाब में ऊपर से पानी गिरा सकते हैं. ऐसा करने से पानी में ऑक्सीजन बनाई जा सकती है.
बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए ये काम करें
फिश एक्सपर्ट कहते हैं कि पानी में चूना और नमक का इस्तेमाल करना चाहिए. इससे बैक्टीरिया को खत्म किया जा सकता है. बैक्टीरियो को खत्म नहीं किया गया तो ये मछलियों को बेहद ही नुकसान पहुंचाते हैं. तालाब में जमा पानी का एक चौथाई या उसे कम निकालकर नए पानी का इस्तेमाल करें. तालाब में जाल चलकर मछलियों की सेहत की जांच करते रहें. वहीं आसपास बांस या प्लास्टिक की शेडिंग भी जरूर से लगा दें. एक्सपर्ट कहते हैं की मछलियों के आसपास का पर्यावरण उसके अनुकूल रहना बेहद ही जरूरी है.
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