Home मछली पालन Fish Farming: अक्टूबर के महीने में मछलियों का कैसे रखना है ख्याल, इन 15 प्वाइंट्स को पढ़कर जानें
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Fish Farming: अक्टूबर के महीने में मछलियों का कैसे रखना है ख्याल, इन 15 प्वाइंट्स को पढ़कर जानें

गर्मी में भी मछली के तालाबों में पानी का स्तर लगभग 6 फीट रखा जाना चाहिए. इससे निचले हिस्से में पानी का तापमान उपयुक्त रहता है.
प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. मछली पालन करना बेहद ही फायदेमंद है. मछली पालन के जरिए अच्छी खासी इनकम हासिल की जा सकती है. अगर आप एक एकड़ में मछली पालन करते हैं तो पांच लाख रुपये तक की आय कमा सकते हैं. सबसे अच्छी बात ये है कि इसमें एक साल में दो बार उत्पादन लिया जा सकता है. यानि एक साल में दो बार कमाई का मौका मिलता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि मछली पालन के लिए रोहू, कतला, मुर्रेल, टूना, ग्रास शार्प, और हिस्ला जैसी मछलियों की प्रजातियां अच्छी मानी जाती हैं. इन्हें पालने पर मुनाफे का का चांस ज्यादा रहता है.

हालांकि मछली पालन में कुछ बातों का खास ख्याल रखना होता है. मौसम के लिहाज से भी मछलियों की केयर करना बेहद ही जरूर होता है. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार की ओर से अक्टूबर माह में मछली पालकों पालकों द्वारा ध्यान देने वाली कुछ अहम बातों की ओर इशारा किया गया है. आइए इसके बारे में जानते हैं.

  • मछली पालक पूरक आहार का प्रयोग मछली के कुल वजन के मुताबिक 2 से 3 प्रतिशत की दर से करें.
  • चूने का इस्तेमाल हर महीने पीएच मान के मुताबिक 15-20 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से करने की सलाह एक्सपर्ट देते हैं.
  • तालाब में बीमारी को रोकने के लिए बाहरी पानी, मसलन नाले आदि का पानी तालाब में आने से रोकें.
  • तालाब में कीड़े और संक्रमण को रोकने के लिए विशेषज्ञों की सलाह से दवा प्रयोग करें.
  • महीने के आखिरी में तालाब में जाल चलवाएं. पैंगेसियस तालाब में जाल नहीं चलवाना चाहिए.
  • सप्लीमेंट में 10 ग्राम नमक प्रति किलोग्राम भोजन की दर से मिलाकर माह में 10 दिन लगातार मछलियों को खिलाएं.
  • एक बार मछली को संक्रमण से बचाव के लिए पोटेशियम परमैंगनेट 400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें.
  • पूरक आहार देने का समय सुबह 10 बजे शाम 4 बजे फिक्स करना चाहिए.
  • तालाब का पानी ज्यादा हरा होने पर चूना और रासायनिक खाद का प्रयोग बंद करें.
  • पानी ज्यादा हरा होने पर 800 ग्राम कॉपरसल्फेट प्रति एकड़ की दर से 100 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें.
  • तालाब के चारो तरफ साफ सफाई रखें.
  • पैंगेसियस मछली पालक अपने तालाब से पैंगेसियस मछली की निकासी शुरू कर दें. निकासी शुरू करने के एक सप्ताह के अन्दर कुल मछली का निकासी जाल से कर लें.
  • जाल से आंशिक निकासी लम्बे समय तक करते रहने से मछली खाना छोड़ देती है. जिससे ग्रोथ प्रभावित होती है. वहीं मछली की मरने की संभावना बढ़ जाती है.
  • बड़ा तालाब और मछलियों कि ज्यादा संख्या रहने पर यदि आंशिक निकासी करना हो तो फेंका जाल का प्रयोग कर या तालाब के किसी खास हिस्से को पट्टी जाल से घेर कर मछली निकासी कर सकते हैं.
  • मछलियों को पारासाईटिक संक्रमण से बचाव के लिए 40 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से नमक को 100 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें.

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