नई दिल्ली. पशुपालन को बढ़ावा देने और पशुओं से बेहतर उत्पादन लेने के लिए ये बेहद ही जरूरी है कि पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर रहते हैं. पशुओं की हैल्थ में सुधार करने के लिए कई जरूरी कदम उठाने की जरूरत है. इसी क्रम में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर और शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जम्मू (एसकेयूएएसटी जम्मू) के अफसरों के बीच एक अहम बैठक का आयेाजन किया गया. जहां पशुओं की हैल्थ से जुड़े मुद्दे पर चर्चा हुई. वहीं इस दौरान शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जम्मू (एसकेयूएएसटी –जम्मू) के माननीय कुलपति एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के पूर्व उपमहानिदेशक (पशु विज्ञान) डॉ. बी.एन. त्रिपाठी ने दो दिवसीय दौरे पर भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई ), इज्जतनगर का भ्रमण किया.
इस अवसर पर संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक समिति कक्ष में आयोजित की गई. जिसमें आईवीआरआई और एसकेयूएएसटी–जम्मू के मध्य अनुसंधान और शैक्षणिक सहयोग को सुदृढ़ करने की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया गया.
दोनों संस्थानों के बीच सहयोग स्थापित करना है जरूरी
बैठक की अध्यक्षता करते हुए आईवीआरआई के कुलपति डॉ. त्रिवेणी दत्त ने डॉ. त्रिपाठी का स्वागत किया और बैठक के एजेंडे को प्रस्तुत करते हुए दोनों संस्थानों के बीच सहयोग को और व्यापक बनाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने यह उल्लेख किया कि दोनों संस्थानों के बीच पूर्व में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू ) हस्ताक्षरित हो चुका है, लेकिन उसके दायरे का विस्तार कर अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी ) गतिविधियों, छात्र एवं संकाय विनिमय जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ावा देने की आवश्यकता है. डॉ. त्रिपाठी ने इस अवसर पर कहा कि दोनों संस्थान मिलकर पशु शल्य चिकित्सा, नैदानिक विषयों, जैव प्रौद्योगिकी, रोग पहचान एवं रोग अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में संयुक्त प्रयास कर सकते हैं. उन्होंने एग्रीबिजनेस प्रबंधन, संकाय विकास एवं क्षमता निर्माण जैसे विषयों में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया.
बीमारियों से रोकने के लिए वैक्सीन तैयार करने पर हुई चर्चा
बैठक में यह सहमति बनी कि रोग निदान नेटवर्क, रोग निगरानी तथा खुरपका (फुट राट) जैसे रोगों के लिए वैक्सीन विकास हेतु संयुक्त कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया जाएगा. इसके अतिरिक्त, दोनों संस्थानों के शैक्षणिक कार्यक्रमों में संकाय की पारस्परिक भागीदारी से शिक्षा गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा. डॉ. त्रिपाठी ने सुझाव दिया कि दोनों संस्थानों के उच्च अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक दोनों परिसरों में आयोजित की जाए, ताकि अकादमिक और अनुसंधान सहयोग के विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया जा सके. इस महत्वपूर्ण बैठक में आईवीआरआई के संयुक्त निदेशक (शोध) डॉ. संजय कुमार सिंह, संयुक्त निदेशक (शैक्षणिक), डॉ. एस.के. मेंदिरत्ता स्नातक समन्वयक डॉ रजत गर्ग एवं परास्नातक समन्वयक डॉ ज्ञानेन्द्र सिंह तथा पीएमई सेल के प्रभारी डॉ समीर श्रीवास्तव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
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