Home मछली पालन Fisheries: कार्प मछलियों को अगर हो गईं ये बीमारियां तो ग्रोथ और प्रोडक्शन पर डालती हैं असर, पढ़ें क्या हैं लक्षण
मछली पालन

Fisheries: कार्प मछलियों को अगर हो गईं ये बीमारियां तो ग्रोथ और प्रोडक्शन पर डालती हैं असर, पढ़ें क्या हैं लक्षण

तालाब में खाद का अच्छे उपयोग के लिए लगभग एक सप्ताह के पहले 250 से 300 ग्राम प्रति हेक्टेयर बिना बुझा चूना डालने की सलाह एक्सपर्ट देते हैं.
तालाब में मछली निकालते मछली पालक

नई दिल्ली. कार्प मछलियों में कई तरह की बीमारी होती है. इसमें कुछ बीमारियों को अवसरवादी कहा जाता है. ये रोग कमजोर व कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली मछलियों में ही पाये जाते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि कार्प मछलियों में ऐरोमोनास संक्रमण सबसे ज्यादा होता है. ये बैक्टीरिया ज्यादातर मछलियों की कमजोर अवस्था में बीमार करते हैं. या परजीवी से ग्रसित मछलियों में सेकेंडरी वायरस का खतरा बढ़ा देते हैं. खराब पानी की गुणवत्ता से जुड़े विशिष्ट तनाव कारकों की अवस्था में ऐरोमोनास संक्रमण ज्यादा होता है. यह बीमारी, जीवाणु ऐरोमोनास हाइड्रोफिला, ए. सोबरिया, ए कैविये तथा कुछ अन्य ऐरोमोनाड के कारण होती है.

एक्सपर्ट कहते हैं कि इस रोग के संकेतिक लक्षण की बात की जाए तो शरीर पर छोटे रक्तस्राव, भाल्क का गिरना, छाले, आंखों का उभार और मटमैले गलफड़ों के साथ पंखों और पूंछ का सड़ना या टूटना शामिल है. प्रभावित मछली आमतौर पर फीड नहीं खाती है और पानी की सतह से अलग-थलग तैरती है.

सभी उम्र की मछलियां होती हैं प्रभावित
एक अन्य जीवाणु एडवर्डसिपेला टार्डों से होने वाला रोग एडवर्डसिलोसिस है, जो कि ज्यादातर कार्प मछलियों को प्रभावित करता है. इस बीमारी से आमतौर सभी आयु वर्ग की मछली बीमार हो जाती हैं. इस रोग के संकेतिक लक्षणों में त्वचा पर फोड़े, उदर का फैलाव, गुदा में सूजन और रक्तस्राव, शरीर पर फीका रंग एवं रक्तस्राव शामिल है. संक्रमित मछलियों में कभी-कभी चक्राकार गतिशीलता (Ringed Dynamics) के लक्षण देखे जा सकते हैं. इसके अलावा, पाली गयी कार्प मछलियों में फ्लेवो बैक्टीरियम कॉलर के कारण कॉलमरिस रोग एक प्रमुख रोग हैं. इसके संकेतिक लक्षण की बात की जाए तो गलफड़ों के किनारों पर पीले सफेद धब्बों दिखाई देते हैं.

परजीवी से होने वाली बीमारी
परजीवी से होने वाली बीमारियां मछलियों में एक प्रमुख समस्या है और ये मछली पालकों आर्थिक नुकसान के लिए अन्य रोगों की तुलना में ज्यादा जिम्मेदार है. आर्गुलस परजीवी मछलियों की जू द्वारा उत्पन्न अर्गुलोसिस रोग, कार्प मछली पालन में एक प्रमुख बड़े परजीवी रोगों में एक है. इस परजीवी के कारण आर्थिक नुकसान होता है. इस परजीवी द्वारा संक्रमण के कारण ग्रोथ नहीं हो पाती है. मछलियां फीड नहीं लेती हैं. मछलियों की मौत होने लगती है. इस बीमारी के लक्षणों की बात की जाए तो त्वचा में खरोंच, भूख में कमी और शरीर के ठोस सतह पर रगड़ना शामिल है. आमतौर पर मछली के शरीर पर लाल धब्बे दिखाई देते हैं.

स्किन पर दिखता है लाल निशान
एक अन्य परजीवी लर्निया (एंकर वर्म) से होने वाला संक्रमण कार्य मछलियों में भी गंभीर समस्या है. इस बीमारी के संकेतिक लक्षणों की बात की जाए तो स्किन पर लालपन, शरीर पर सूजन, सांस संबंधी समस्याएं और सुस्त रहना शामिल है. इन बाहरी कीड़ों को शरीर की स्किन पर खुली आंखों से देखा जा सकता है. ये परजीवी सेकेंडरी संक्रमण का एक प्रमुख कारण हो सकता है और मत्स्य पालकों के पर्याप्त नुकसान पहुंचा सकता है.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

how to treat a fish ulcer
मछली पालन

Fish: मछली बीज का ज्यादा उत्पादन लेने के लिए पढ़ें एक्सपर्ट की ये सलाह

मत्स्य बीज पक्षेत्र सुनारू फतुहा पटना के सहायक मत्स्य निदेशक डॉ. टुनटुन...

fish farming in pond
मछली पालन

Fish Farming: बरसात में तालाब के अंदर अमोनिया और नाइट्रेट का असर कम करने के लिए करें ये काम

तालाब के अंदर फंगेसियास और मांगुर जैसी मछलियां बहुत ज्यादा बीट करती...