नई दिल्ली. गर्मियों में डेयरी किसान पशुओं को होने वाले तनाव और फिर इसके कारण घट जाने वाले दूध उतपादन को लेकर बेहद परेशान रहते हैं. दूध उत्पादन घट जाने की वजह से किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. हालांकि अब ऐसा नहीं होगा. क्योंकि IBISA, जो एक अग्रणी बीमा-तकनीक कंपनी है और जलवायु-प्रेरित जोखिमों के चलते प्रभावित लोगों की मदद करती है डेयरी किसानों के नुकसान की भरपाई कर देगी. इससे किसानों को नुकसान नहीं होगा और अपना व्यवसाय चलाते रहेंगे.
कंपनी की ओर से कहा गया है कि जलवायु अनिश्चितताओं के बीच लचीलेपन को बढ़ावा देने और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देने पर केंद्रित मिशन के साथ, IBISA विशिष्ट सूचकांक-आधारित बीमा समाधान और जलवायु जोखिम प्रबंधन रणनीतियों में माहिर है. बताया कि हमारा लक्ष्य वैश्विक स्तर पर किसानों को सशक्त बनाना है, जलवायु परिवर्तन के अप्रत्याशित प्रभावों के खिलाफ उनकी लचीलापन बढ़ाना है.
किसानों को मिलेगी राहत
हीट इंडेक्स बीमा विशेष रूप से किसानों को तेज़ गर्म हवाओं के कारण होने वाले वित्तीय प्रभावों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ये स्कीम विशेष रूप से डेयरी किसानों के लिए है बेहतर है, जो पशुओं में गर्मी के कारण होने वाले तनाव के कारण दूध उत्पादन में कमी के कारण होने वाली आय हानि के खिलाफ कवरेज प्रदान करता है. IBISA के पोर्टफोलियो में नवीनतम जोड़ एक हीट इंडेक्स बीमा है. जिसे विशेष रूप से किसानों को उच्च गर्मी की लहरों के वित्तीय प्रभावों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
कवर की सुविधा मिलती है
इस बीमा के तहत पशुओं में गर्मी के कारण होने वाले तनाव के कारण दूध उत्पादन में कमी के कारण होने वाली आय हानि के खिलाफ कवरेज प्रदान करता है. यह बीमा किसानों के लिए सामर्थ्य, पहुंच और दक्षता को प्राथमिकता देता है. कम लागत वाले प्रीमियम की पेशकश करके, हम यह सुनिश्चित करते हैं कि डेयरी किसान बैंक को नुकसान पहुंचाए बिना अपनी आजीविका की रक्षा कर सकें. सरलीकृत नीति जारी करने से प्रक्रिया सुव्यवस्थित हो जाती है, जिससे किसानों को अनावश्यक बाधाओं के बिना शीघ्रता से कवरेज प्राप्त करने की सुविधा मिलती है.
अत्याधुनिक तकनीक का करते हैं इस्तेमाल
वहीं ये कंपनी उपग्रह-आधारित डेटा जैसी अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके, विभिन्न स्थानों पर सटीक सटीकता के साथ तापमान में बदलाव की निगरानी भी करती है. इससे भी किसानों को पहले से पता होता है कि कब कैसा मौसम रहेगा और क्या—क्या दिक्कते हो सकती हैं और समय रहते उससे बचा जा सकता है. बीमा कंपनी यह भी सुनिश्चित करती है कि कवरेज प्रत्येक किसान द्वारा अनुभव की गई विशिष्ट गर्मी की स्थिति के अनुरूप है, जिससे बीमा की प्रासंगिकता और प्रभावशीलता बढ़ जाती है.
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