Home डेयरी Milk Production: अगर ये काम नहीं करेंगे तो 70 फीसदी तक घट सकता है दूध उत्पादन, पढ़ें डिटेल
डेयरी

Milk Production: अगर ये काम नहीं करेंगे तो 70 फीसदी तक घट सकता है दूध उत्पादन, पढ़ें डिटेल

Curd News, Milk Rate, Milk News, Rajasthan is number one, milk production
प्रतीकात्मक फोटो. livestock animal news

नई दिल्ली. इंसान हो या पशु सभी को जिन्दा रहने के लिये खाना खुराक चाहिये. खाने-पीने की जो चीजें जिन्दगी को चलाते हैं, वो पोषक पदार्थ कहलाते हैं. जिन्दा रहने के लिये जो आहार आवश्यक होता है उसे जीवन यापन आहार कहते हैं. इन्हीं पोषक पदार्थों से शरीर बढ़ता है, शरीर की टूटफूट की मरम्मत होती है, शरीर की गर्मी, स्थिर रहती है. अंडा, ऊन, दूध, मांस, आदि का उत्पादन पोषक आहार पर निर्भर रहता है. शरीर को काम, उम्र, प्रजनन, गर्भावस्था व उत्पादन के अनुसार ऐसा आहार चाहिये जिसमें सभी पोषक पदार्थ सन्तुलित मात्रा में हों. ऐसा आहार सन्तुलित आहार कहलाता है.

प्रत्येक मां अपने दूध से अपने बच्चे का पालन-पोषण करती है. गाय भैंस अपना बच्चा पाले और हमारे लिये भी मनचाही मात्रा में दूध पैदा करे यह हमारा स्वार्थ हुआ. इसलिए इस स्वार्थ की पूर्ति के लिये ऐसे पशुओं को अतिरिक्त आहार देना पड़ता है.

हरा चारा और सं​तुलित आहार दें
दूध की मात्रा में बढ़ोतरी के लिये अच्छी नस्ल का जहां 30 प्रतिशत योगदान होता है तो वहीं उचित देखभाल व खान-पान दूध उत्पादन में 70 प्रतिशत योगदान करता है. यदि पशु की नस्ल अच्छी नहीं है और दूध उत्पादन कम है तो उसे सस्ता सन्तुलित आहार उचित मात्रा में देने से दूध उत्पादन में 20 से 40 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है. यदि बछड़ी पहली बार गाभिन होने वाली है. गाभिन होने से पहले शरीर की सही बढ़वार के लिये जरूरी खुराक देनी चाहिये. गाय भैंस को दूध की मात्रा के अनुसार अतिरिक्त मात्रा में हरा चारा व सन्तुलित आहार देना चाहिये. अतिरिक्त मात्रा में आहार देने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी न होगी, गाय भैंस सही समय पर ताव में आयेगी. गाभिन होने से परेशानी नहीं होगी.

सही देखभाल करने का ये होगा फायदा
जब गाय और भैंस ​गाभिन हो जाये तो उसका स्वास्थ्य सही रखने के लिए गर्भवती पशु को उचित व्यायाम दिया जाना चाहिए. इसके अलावा उचित देखभाल व खान-पान की व्यवस्था करना जरूरी होता है. इसके लिए पशु को साफ सुथरा हवादार आवास देना होता है. पशु कं मारा-पीटा नहीं जाना चाहिए. वहीं बहुत तेज नहीं भगाया जाये और चरने के लिये बहुत दूर न भेजा जाये. इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिये कि गर्भ में पल रहे बच्चे का सही विकास हो. इससे ब्यात में सही समय तक उचित मात्रा में दूध मिलेगा. आसानी से स्वस्थ बच्चा पैदा होगा. ब्याने के बाद अधिक मात्रा में दूध का उत्पादन होगा. वहीं दोबारा गाय-भैंस सही समय पर गर्मी में आएगी. इस सर्कल को चलाने के लिए लिए गाभिन पशु की उचित देखभाल व खान-पान की व्यवस्था करनी चाहिये.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

दो पशुओं के साथ आप अपना फार्म शुरू कर सकते हैं. करीब 10 से लेकर 15 लीटर दूध तक आपको देने वाली गायों की देखभाल शुरुआत में छोटे शेड से कर सकते हैं.
डेयरी

Cow Farming: जानें 30 लीटर दूध देने वाली गाय पालने पर भी क्यों घाटे में रहते हैं डेयरी फार्मर्स

जबकि इसके दूध की क्वालिटी भैंस के दूध की क्वालिटी से बेहतर...

छोटे जुगाली करने वाले पशुओं में, मादा जुड़वां या तीन बच्चों को पालने में असमर्थ हो सकती है और एक या अधिक बच्चे गर्भ में ही खत्म होने का खतरा हो सकता है.
डेयरी

Dairy Farming: गाय और भैसों की गर्भावस्था के दौरान देखभाल कैसे करें, यहां जानिए एक्सपर्ट के टिप्स

छोटे जुगाली करने वाले पशुओं में, मादा जुड़वां या तीन बच्चों को...

सरसों के तेल का सेवन करना बहुत जरूरी है. बाजार का सप्लीमेंट फूड खिलाने से आगे लंबे समय तक दूध नहीं ले पाएंगे. इसलिए बहुत जरूरी है दाने के साथ-साथ घरेलू चीजों से दूध की मात्रा को बढ़ाएं.
डेयरी

Animal Husbandry: इसी महीने अपना लीजिए ये सुपरहिट देसी फार्मूला, बढ़ जाएगा दूध, जानें यहां

सरसों के तेल का सेवन करना बहुत जरूरी है. बाजार का सप्लीमेंट...