Home पशुपालन Animal Disease: इन पांच तरीकों से पशु स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ इंसानों को भी सेफ करेगा भारत, पढ़ें डिटेल
पशुपालन

Animal Disease: इन पांच तरीकों से पशु स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ इंसानों को भी सेफ करेगा भारत, पढ़ें डिटेल

animal husbandry
कार्यक्रम में मौजूद मेहमान.

नई दिल्ली. Animal Disease पिछले कुछ दशकों में, WHO ने अंतरराष्ट्रीय चिंता के 6 सार्वजनिक हैल्थ इमरजेंसी घोषित किए हैं, और इनमें से 5 पशुओं की वजह थे. जब कोविड-19 महामारी ने दुनिया को ये स्वीकारने पर मजबूर कर दिया कि महामारी की तैयारी और प्रतिक्रिया (PPR) के लिए वन हेल्थ दृष्टिकोण की जरूरत है और भविष्य की महामारी की तैयारी के लिए पशु स्वास्थ्य सुरक्षा पर ध्यान देना बेहद ही जरूरी है. 1.4 बिलियन लोगों की आबादी, 536 मिलियन पशुधन हैं. जिसमें मवेशी, भैंस, भेड़, बकरी और सूअर शामिल हैं और 852 मिलियन मुर्गी पालन के साथ भारत में संक्रामक रोगों का खतरा है, जिस देखते हुए प्रबंधन में निवारक उपायों को करना जरूरी है.

पशुगणना की शुरुआत के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में एनिमल हसबेंडरी कमिश्नर अभि‍जीत मित्रा ने कहा कि, स्वास्थ्य संबंधी खतरों के अलावा, पशु रोग के प्रकोप से गरीबी में कमी लाने में किए गए लाभ को भी उलटने का खतरा है. इसलिए, पशु स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करना न केवल इंसानों के स्वास्थ्य के लिए बल्कि भारत की पूरी अर्थव्यवस्था और निर्यात क्षमता के लिए भी महत्वपूर्ण है.

200 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मिली है मंजूरी
उन्होंने कहा कि G20 महामारी कोष ने भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (MoFAD) के पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD) द्वारा 200 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यह प्रस्ताव “महामारी की तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए भारत में पशु स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए है. इंडोनेशिया की G20 प्रेसीडेंसी के तहत स्थापित, महामारी कोष राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर महामारी की रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमताओं को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण निवेशों को वित्तपोषित करता है, जो निम्न और मध्यम आय वाले देशों पर ध्यान केंद्रित करता है. महामारी कोष न केवल महामारी की रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए अतिरिक्त समर्पित संसाधन लाएगा, बल्कि निवेश बढ़ाने, भागीदारों के बीच समन्वय बढ़ाने और वकालत के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा. इस परियोजना का उद्देश्य पशु स्वास्थ्य खतरों को रोकने, पता लगाने और उनका जवाब देने की देश की क्षमता को बढ़ाना है. इसे तीन संस्थाओं के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है.

ताकि इंसानों में न फैल सके बीमारियां
डेयरी सेक्रेटरी अलका उपाध्यााय ने कहा कि एशियाई विकास बैंक (ADB), विश्व बैंक और खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO), महामारी निधि अनुदान की गतिविधियों के कार्यान्वयन की अपेक्षित पूर्णता तिथि अगस्त 2026 है. परियोजना के तहत प्रमुख हस्तक्षेप रोग निगरानी और प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों को मजबूत और एकीकृत करना, प्रयोगशाला नेटवर्क को उन्नत और विस्तारित करना, अंतर-संचालन योग्य डेटा सिस्टम में सुधार करना, डेटा विश्लेषण और जोखिम संचार के लिए क्षमता निर्माण करना और बार्डर पार पशु रोगों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करना और सीमा पार सहयोग के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग में भारत की भूमिका है. परियोजना का काम इस जोखिम को कम करना होगा कि कोई रोग जानवरों (पालतू और वन्यजीव) से निकलकर इंसानों में न फैल पाए. नहीं तो इससे कमजोर आबादी के स्वास्थ्य, पोषण सुरक्षा और आजीविका को खतरा होगा. इस परियोजना को पांच प्रमुख आउटपुट के माध्यम से भारत की पशु स्वास्थ्य सुरक्षा को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है.

इन पांच प्वाइंट पर होगा काम

  1. प्रयोगशाला प्रणालियों का विस्तार, यह पशु स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को उन्नत और विस्तारित करने और प्रयोगशाला नेटवर्क विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा.
  2. निगरानी और प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों को मजबूत करना, ये प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों को बढ़ाने और संभावित खतरों ​​का प्रारंभिक चरण में पता लगाने और समय पर हस्तक्षेप की सुविधा के लिए मजबूत प्रहरी और निष्क्रिय निगरानी तंत्र बनाने पर जोर दिया जाएगा.
  3. मानव संसाधन क्षमता और योग्यता का विकास, इसमें पशु स्वास्थ्य मानव संसाधनों के कौशल और क्षमताओं को बढ़ाने के लिए क्षमता निर्माण पहल शामिल होगी.
  4. डेटा सिस्टम, एनालिटिक्स, जोखिम विश्लेषण और जोखिम संचार को मजबूत करना, जो डेटा प्रबंधन प्रणालियों को उन्नत करना और एनालिटिक्स क्षमताओं को बढ़ाना बेहतर जोखिम मूल्यांकन, बेहतर निर्णय लेने और पशु स्वास्थ्य जोखिमों से संबंधित अधिक प्रभावी संचार रणनीतियों को सक्षम करेगा.
  5. राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर संस्थागत क्षमता अंतर को कम करना: यह परियोजना पशुधन क्षेत्र के लिए आपदा प्रबंधन ढांचे के विकास, एएमआर शमन प्रयासों को बढ़ाने, साथ ही क्षेत्रीय प्लेटफार्मों के माध्यम से समन्वय और सहयोग को बढ़ावा देकर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दोनों स्तरों पर संस्थागत क्षमता को मजबूत करेगी.
Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

तोतापरी की बकरी के पालन में बहुत ही कम लागत आती है. तोतापुरी या तोतापरी बकरी कम लागत में पालकर मोटी कमाई की जा सकती है.
पशुपालन

Goat Farming: कितने वक्त के लिए हीट में रहती है बकरी, क्या है इसकी पहचान, जानें यहां

हीट में आई बकरियों की मदकाल (गर्मी) में आने के 10-12 घण्टे...

camel farming
पशुपालन

Animal Husbandry: ऊंट पालन को फायदेमंद बनाएगी सरकार, दूसरे राज्यों में ले जाना होगा आसान

पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि अन्य राज्यों में ऊंट ले...

गोवंश के लिए योगी सरकार ने समाज को भी इस अभियान का हिस्सा बनाते हुए कई प्रोत्साहन योजनाएं चला रखी हैं.
पशुपालन

Dairy: दुधारू पशुओं की सेहत से लार का क्या जुड़ाव है, जानें यहां

आपको बता दें कि कई बार एलर्जी और जहरीला पदार्थ खाने से...

अच्छी फसल और अच्छी नस्ल दोनों पशुपालन में मायने रखती हैं. ठीक उसी प्रकार बकरी पालन में भी ये नियम मायने रखता है.
पशुपालन

Goat: मीट और दूध उत्पादन के लिए पालें किस नस्ल की बकरी, जानें यहां

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) की मानें तो बकरी पालन में...