नई दिल्ली. देश में हर रोज करोड़ों अंडे खाए जाते हैं. ठंड में अंडा और भी महंगा तो गर्मियों में सस्ता हो जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में सबसे ज्यादा सस्ता अंडा कहां और सबसे महंगा अंडा कहां बिकता है. दुनिया में एक देश है जहां 12 अंडों के दाम सैंकड़ों रुपये में है. वहीं कुछ ऐसे भी देश हैं जहां 12 अंडों के रेट 100 रुपये से भी कम है. एक्सपर्ट अंडों को सबसे सस्ता और सबसे ज्यादा प्रोटीन देने वाला नाश्ता मानते हैं. पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष और एक्सपर्ट रिकी लूथरा कहते हैं कि डायटिशियन और डॉक्टर के मुताबिक हर एक इंसान को कम से कम दो अंडे रोजाना ही खाना ही चाहिए.
एक्सपर्ट कहते हैं कि कम से कम और आसान डाइट में अंडे से ज्यादा प्रोटीन किसी और खाने की चीज में नहीं है. जबकि चलते-फिरते, मेट्रो ट्रेन में या बस में बैठकर अंडे को जहां चाहे आराम से खा सकते हैं. जबकि मेट्रो सिटी की तेज रफ्तार जिंदगी में सबसे आसानी से अंडों से बना नाश्ता मिलता है. जिसे लोग बहुत ही चाव से खाते भी हैं. अंडे की खपत बढ़ने से जहां लोगों की हेल्थ अच्छी रहेगी तो वहीं ये पोल्ट्री कारोबार के लिए भी बहुत अच्छा होगा. पोल्ट्री कारोबार देश की अर्थव्यवस्था में पोल्ट्री कारोबार और अच्छा योगदान दे सकता है.
यहां जानें कहां कितना है अंडों का रेट
एनईसीसी के आंकड़ों पर गौर करें तो मुर्गी का सबसे सस्ता अंडा भारत में ही बेचा जाता है. आमतौर पर भारत में रिटेल बाजार में 12 अंडों के दाम 79 रुपये होता है. जबकि दुनियाभर में सबसे सस्ता अंडा यही बिकता है और अगर महंगे अंडे की बात करें तो 560 रुपये के 12 अंडे स्विटजरलैंड में बिकता है. भारत में इन दिनों रिटेल की बात करें तो एक अंडा 6.50 रुपये का बिक रहा है तो वहीं स्विटजरलैंड में करीब 47 रुपये का एक अंडा बिकता है. भारत के बाद रशिया में 84 रुपये के 12, पाकिस्तान में 90, ईरान में 95 रुपये के 12 अंडे बेचे जाते हैं. जबकि चीन में 12 अंडों का दाम 149 रुपये हैं. वहीं न्यूजीलैंड में 456, यूएसए और डेनमार्क में 359 रुपये के 12 अंडे के लिए देना होता है.
भारत में कहां होता है सबसे ज्यादा अंडों का उत्पादन
केन्द्रीय पशुपालन मंत्रालय की साल 2021-22 रिपोर्ट में ये बताया गया कि बीते साल देश में करीब 750 करोड़ अंडों का उत्पादन किया गया था. इसमें से अकेले करीब 65 फीसदी अंडों का उत्पादन सिर्फ पांच राज्यों आंध्रा प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडू में ही किया गया था. रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि आंध्रा प्रदेश में 20.41 फीसदी अंडे, तमिलनाडू में 16.08 फीसदी, तेलंगाना में 12.86 फीसदी, पश्चिम बंगाल में 8.84 फीसदी और कर्नाटक में 6.38 फीसदी अंडों का उत्पादन किया गया. जबकि देश में अंडों का कुल उत्पादन 129.60 बिलियन था.
7.5 हजार करोड़ अंडों का उत्पादन
पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट रनपाल डाहंडा ने बताया कि “देश में रोज़ाना 22 से 25 करोड़ अंडों की जरूरत होती है. वहीं 30 करोड़ मुर्गियों में से कुछ तो लगातार अंडे देती हैं जबकि कुछ देने के लिए तैयार होती रहती हैं. वहीं कुछ ऐसी भी होती हैं जो उम्र पूरी कर चुकी होती हैं और अंडा देना कम कर देती हैं. इसी वजह से तीन दिन के अंडों से बाज़ार का रूटीन घूमता है. अंडा देने वाली मुर्गियों की संख्या 26 करोड़ के आसपास है. यही मुर्गियां देश में अंडे की डिमांड को पूरा कर देती हैं. अंडा देने वाली एक तैयार मुर्गी की कीमत 400 से 500 रुपये तक रहती है.”
एक भारतीय खाता है कितने अंडे
मंत्रालय की साल 2021-22 की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल लगातार हमारे खाने में अंडों की संख्या बढ़ रही है. जिसका फायदा पोल्ट्री कारोबारियों को मिल रहा है. साल 1950-51 में हर साल प्रति व्यक्ति के हिस्सें में 5 अंडे आते थे. लेकिन आज यानि 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 95 से ज्यादा हो गई है. हालांकि पोल्ट्री सेक्टर की कोशिश है कि यह संख्या बढ़कर 180 हो जाए. इसके लिए पोल्ट्री संचालकों की संस्था एनईसीसी भी लगातार अभियान चला रही है.
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