Home तकनीक अब हाथियों को तुरंत मिलेगा ट्रीटमेंट, देश का पहला ‘हाथी सेवा मोबाइल क्लीनिक’ शुरू
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अब हाथियों को तुरंत मिलेगा ट्रीटमेंट, देश का पहला ‘हाथी सेवा मोबाइल क्लीनिक’ शुरू

हाथी मोबाइल क्लीनिक में अभी तक 50 से अधिक हाथियों का सफल स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है. यह शिविर काज़ीरंगा नेशनल पार्क एवं टाइगर रिज़र्व और मेरापानी फॉरेस्ट डिवीजन में गश्त और वन्यजीव संरक्षण कार्यों में शामिल हाथियों के लिए विशेष रूप से हुआ था.
वाइल्ड लाइफ एसओएस के सौजन्य से।

नई दिल्ली। वन्य जीव संरक्षण संस्था वाइल्डलाइफ एसओएस ने हाथियों के संरक्षण के अपने प्रयासों को और मजबूत करते हुए हाथी सेवा नामक देश की पहली हाथी मोबाइल क्लीनिक की शुरुआत की है. हाथियों को जल्दी और आवश्यक चिकित्सा देने के उद्देश्य से वाइल्डलाइफ एसओएस ने ये पहल की है. इस मोबाइल क्लिनिक के जरिए नेत्रहीन और अपंग हाथियों को प्राथमिकता के आधार पर चिकित्सा सहायता दी जाएगी. इनमें लंगड़ापन, पैरों में संक्रमण, जोड़ों में सूजन और दर्द जैसी समस्याओं का इलाज किया जाएगा. हाथी सेवा का औपचारिक शुभारंभ असम के काज़ीरंगा नेशनल पार्क में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय हाथी स्वास्थ्य एवं उपचार शिविर के दौरान किया गया. ये असम वन विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया था.

संस्था लंबे समय से भारत में एशियाई हाथियों के कल्याण और उनके बेहतर जीवन की दिशा में कार्य कर रही है. ‘हाथी सेवा’ नामक यह मोबाइल क्लीनिक देशभर में हाथियों को आवश्यक चिकित्सा देखभाल प्रदान करेगा. हाथी सेवा का उद्देश्य वाइल्डलाइफ एसओएस के ‘भिक्षा मांगने वाले हाथियों’ के संरक्षण अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके तहत पूरे देशभर में सड़कों पर भीख मांगने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हाथियों को चिकित्सा सहायता दी जाएगी.

मानस नेशनल पार्क में आखिरी हेल्थ चेकअप हाथी मोबाइल क्लिनिक में अभी तक 50 से अधिक हाथियों का सफल स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है. यह शिविर काज़ीरंगा नेशनल पार्क एवं टाइगर रिज़र्व और मेरापानी फॉरेस्ट डिवीजन में गश्त और वन्यजीव संरक्षण कार्यों में शामिल हाथियों के लिए विशेष रूप से हुआ था. इस स्वास्थ्य शिविर का अंतिम चरण मानस नेशनल पार्क में होगा.

सीईओ ने कहा, हाथियों को तत्काल मदद पहुंचाना जरूरी वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, कि हमने भारत का पहला हाथी मोबाइल क्लिनिक शुरू किया है. अब पूरे देश में उन हाथियों तक चिकित्सा एवं सहायता पहुंचाना लक्ष्य है जो गंभीर रूप से बीमार हैं और उन्हें तत्काल इलाज की जरूरत है.

गीता शेषमणि ने कही ये बात वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा कि अधिकांश कैद में रखे गए हाथियों को सही चिकित्सा और देखभाल नहीं मिलती है. इसी कारण देश में हाथियों की स्थिति काफी दयनीय है. हमारे मोबाइल क्लिनिक की पहल का उद्देश्य ऐसे हाथियों को तत्काल चिकित्सा उपचार प्रदान करना है. काज़ीरंगा नेशनल पार्क और टाइगर रिज़र्व की फील्ड डायरेक्टर एवं एपीसीसीएफ, डॉ. सोनाली घोष, आईएफएस ने कहा, कि यह बहुत गर्व की बात है कि भारत की पहली हाथी मोबाइल क्लिनिक, हाथी सेवा को काज़ीरंगा से शुरू किया गया है. यह पहल निश्चित रूप से हाथियों के संरक्षण और कल्याण में एक मील का पत्थर साबित होगी.

वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर, कंज़र्वेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एमवी. ने कहा कि यह मोबाइल हेल्थ क्लिनिक उन कार्यरत हाथियों को चिकित्सा सहायता प्रदान करेगा, जिनकी भलाई और देखभाल अत्यंत आवश्यक है.

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