Home मछली पालन Fisheries: झींगा पालन ज्यादा फायदेमंद है या फिर मछली पालन, जानें क्या कहते हैं इस बारे में एक्सपर्ट
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Fisheries: झींगा पालन ज्यादा फायदेमंद है या फिर मछली पालन, जानें क्या कहते हैं इस बारे में एक्सपर्ट

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. भारत में भारत से बड़ी मात्रा में झींगा एक्सपोर्ट किया जाता है. भारत में प्रोड्यूस होने वाले झींगा मछली के चीन अमेरिका बड़े एक्सपोर्टर हैं. जबकि देश में भी धीरे-धीरे झींगा के डिमांड बहुत तेजी के साथ बढ़ रही है. हालांकि ये भी सच है कि घरेलू बाजार में फ्रोजन झींगा की मांग कम है. बता दें कि बाजार में झींगा के रेट उसके वजन से नहीं बल्कि इस साइज तय किया जाता है. झींगा पालन की सबसे अच्छी बात ये है कि इसकी फसल साल में 3 से 4 बार तैयार हो जाती है. पानी के मुताबिक हो तो उत्पादन भी बहुत ज्यादा होता है. जबकि झींगा किसी भी दूसरी मछली की अपेक्षा ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल है, लेकिन खास पानी के चलते इसका पालन हर जगह करना संभव नहीं हो पता है.

पंजाब फिशरीज डिपार्टमेंट के असिस्टेंट डायरेक्टर रंजीत सिंह की मानें तो मुक्तसर साहिब जिले के रतन खेड़ा गांव में हमने साल 2016-17 में झींगा मछली पालन को लेकर एक ट्रायल लखविंदर नाम के किसान के खेत में किया गया था. एक एकड़ जमीन पर झींगा मछली पाली गई थी. 4 महीने में भी जब झींगा तैयार हुआ तो वजन 4 टन था. एक्सपर्ट की मानें तो खारा पानी झींगा मछली पालन के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद है. इसी तरह के पानी में झींगा उत्पादन तेजी से हो जाता है. जीवन चक्र पर जाए तो एक साल में तीन से चार बार झींगा तैयार कर बाजार में बेचा जा सकता है.

एक किलो में कितना आता हहै झींगा
झींगा हैचरी एसोसिएशन के अध्यक्ष आंध्र प्रदेश निवासी रवि कुमार ने बताया कि वैसे तो देश ही नहीं विदेश के बाजार में हर तरह के साइज वाले झींगा के डिमांड है. उन्होंने कहा कि चीन और अमेरिका की बात करें तो यहां झींगा बहुत ज्यादा खपत में है. इन दोनों जगह पर बड़े साइज का झींगा खूब पसंद किया जाता है. अगर छोटे साइज से जैसे 14 से 15 का नाम की बात करें तो इसकी सबसे ज्यादा डिमांड है. वहीं 1 किलो वजन में 60 से 70 पीस झींगा आता है. 9 ग्राम का झींगा भी बाजार में मांगा जाता है. हालांकि इसकी डिमांड काम है.

एक फसल में तैयार होने में कितना लगता है वक्त
वैसे तो इसके रेट विदेशी बाजारों के चलते-चलते उतरते चढ़ते रहते हैं लेकिन अभी 350 से 360 रुपये के आसपास झींगा बेचा जा रहा है. रवि कुमार ने बताया कि 14 15 ग्राम वजन वाला झींगा तालाब में 70 से 80 दिन में तैयार हो जाता है. अगर झींगा पालन में किसी भी तरह की कमी रह भी जाती है तो ज्यादा से ज्यादा 90 दिन में या तैयार हो जाता है. बड़े साइज का झींगा तैयार करना है तो ज्यादा से ज्यादा 4 महीने में या तैयार हो जाएगा. इस तरह से 1 साल में झींगा 3 से 4 बार तैयार किया जा सकता है.

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