नई दिल्ली. मछली पालन कई बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है. मछलियों की अच्छी ग्रोथ के लिए पानी मछलियों के हिसाब से होना चाहिए. तालाब में पानी का थोड़ा क्षारीय होना बेहद अहम होता है. इससे मछली की ग्रोथ एवं हेल्थ के लिए एक्सपर्ट अच्छा बताते हैं. आमतौर पर भखरा चूना का प्रयोग खाद डालने से 7 दिन पहले किया जाना बेदह जरूरी है. इसके लिए जरूरी है कि जून के पहले सप्ताह में चूना का छिड़काव जरूर करें. चूना डालने से पहले जल एवं मिट्टी जांच कराना भी बेहतर होता है. वहीं जल एवं मिट्टी का पीएच मान के अनुसार (अम्लीयता या क्षारीयता का स्तर) चूने का प्रयोग करें.
अगर पानी की जांच सम्भव न हो तब भखरा चूना का प्रयोग 2-2.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से अवश्य करें. अगर तालाब सूखा है तो चूने को तालाब की तली में समान्य रूप से फैला कर जुताई कर दें. अगर तालाब की तली में पानी है तो घोल बनाकर पानी की सतह पर छिड़काव करना बेहद ही अहम होता है. वहीं अगर बेकार मछलियों के हटाने के लिए ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किये हों तो चूना डालने की जरूरत नहीं है.
कीचड़ को बाहर निकालना होता है जरूरी
पुराने तालाब के तल पर अधिक जैविक पदार्थ (कीचड़) एकत्र हो जाने से अनेक प्रकार की विषैली गैस बनने लग जाती है. ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. मछलियों में बीमारी पड़ने लग जाती हैं. वहीं उनकी मौत भी इसी वजह से होने लग जाती है. तथा इससे तालाब की उत्पादन क्षमता तो कम होती है. इससे मुक्ति पाने के लिए तालाब के तलछट को साफ किया जाना बेहतर होता है. तालाब का पानी निकालकर तल को जोतकर 15 दिनों के बाद पानी डालें. यह काम गर्मी के दिनों में जब तालाब का जल स्तर कम हो तो फायदेमंद है.
गैर जरूरी पौधों को भी निकालें
जलक्षेत्र, पोषक तत्व और ऑक्सीजन का बचत तथा मछलियों की उचित एवं तेज ग्रोथ के लिए अनुपयोगी जलीय पौधों को हटाना बेहद ही अहम है.
छोटे तालाबों में श्रमिकों की सहायता से पौधों को निकाला जा सकता है.
हंसुए कांटेदार तार आदि की सहायता से गैरजरूरी वनस्पतियों (फ्लोरा) का छोटे तालाब से हटाना भी बेहद ही अहम है.
रासायनिक विधि द्वारा जलकुम्भी, आइपोमिया तथा अन्य जलीय घास को 8-10 किलो ग्राम 2,4-हेक्टेयर की दर से तालाब में छिड़काव कर नियंत्रित किया जा सकता है.
जैविक विधि द्वारा हाइड्रिला, नाजा, सिरेटोपुइलम, वैलिनेरिया, लेना, एजोला, बुल्फिया, स्पइोडेया आदि ग्रास कार्प के प्रिय भोजन हैं. इसलिए इनको निकालना ग्रास कार्प की 200- 250 मिलीमीटर लम्बी फिंगर्स संचय कर किया जा सकता है.
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