Home पशुपालन Amul: वाराणसी में अब गुजरात की ये बड़ी कंपनी बेचेगी प्रसाद, 120 रुपये होगी कीमत
पशुपालन

Amul: वाराणसी में अब गुजरात की ये बड़ी कंपनी बेचेगी प्रसाद, 120 रुपये होगी कीमत

पीएम ने बनास डेयरी के पशुपालकों को 106 करोड़ रुपये की बोनस राशि हस्तांतरित की.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में चढ़ावे के तौर पर चढ़ाए जाने वाले प्रसाद की कीमतों में इजाफा हो गया है. काशी विश्वनाथ मंदिर में अब जो महाप्रसाद चढ़ाया जाएगा उसे लोकल संस्थाएं नहीं बल्कि गुजरात की अमूल कंपनी बनाएगी. महाप्रसाद की कीमत 100 रुपये बढ़कर 120 रुपये हो गई है. पहले इस महाप्रसाद को वाराणसी की संस्थाएं ही बनाती थीं. हालांकि अब इसे अमूल को बनाने का अधिकार मिल गया है. इस वजह से दाम में बदलाव भी हुआ है. जहां एक ओर प्रसाद के दाम बढ़ें तो वहीं दूसरी ओर श्रद्धालुओं के लिए सुगम दर्शन सस्ता किया गया है.

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पिछले पांच सालों से मंदिर के प्रसाद को लोकल की संस्थाएं बनाती चली आ रही थीं. हालांकि कुछ वक्त पहले इन संस्थाओं को प्रसाद बनाने को मना कर दिया गया है. मंदिर ट्रस्ट की ओर कहा गया है कि क्वालिटी से समझौता नहीं किया जा सकता है. इस वजह से अमूल जैसी प्रतिष्ठित कंपनी को प्रसाद बनाने को कहा गया है. बताते चलें कि अमूल वाले प्रसाद का काउंटर गंगा द्वार के पास लगा है. वहीं पास में दूध का काउंटर भी लगाया गया है.

क्या हैं प्रसाद की नई कीमतें, पढ़ें यहां
अभी तक 200 ग्राम के लड्डू वाले प्रसाद की कीमत 100 रुपये थी. इस डिब्बे में छह लड्डू होते थे. इसके अलावा 100 ग्राम के डिब्बे भी बेचे जाते थे. अमूल ने 200 ग्राम के लड्डू वाले प्रसाद की कीमत 120 रुपये तय की है. अभी तक काउंटर पर 100 ग्राम वाले डिब्बे नजर नहीं आ रहे हैं. वहीं प्रसाद के काउंटर के पास लगे दूध वाले काउंटर पर शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए 10 रुपये में दूध उपलब्ध कराया गया है. बताते चलें कि गुजरात की बनास डेयरी ने वाराणसी में नए बने बनास काशी कॉम्प्लेक्स में मंदिर के लिए ‘महाप्रसाद’ बनाना शुरू कर दिया है. बनास डेयरी अमूल ब्रांड के तहत डेयरी प्रोडक्ट्स को मार्केट करती है. वहीं मंदिर ट्रस्ट ने दर्शन की फीस कम की है. 300 रुपये की जगह अब सिर्फ 250 रुपये देने होंगे.

पीएम मोदी ने किया था प्लांट का उद्घाटन
गौरतलब है कि काशी में हर रोज यहां के छोटे-बड़े मंदिरों में करीब एक लाख लोग दर्शन के लिए आते हैं. लोग चढ़ावे में प्रसाद चढ़ाते हैं. इसके अलावा लौंग लता और लाल पेड़ा भी चढ़ाया जाता है. इसे काशी नगरी में प्रसाद के लिए तैयार किया जाता है. गौरतलब है कि गत 23 फरवरी को पीएम नरेन्द्र मोदी वाराणसी में अमूल के मिल्क प्लांट का उद्घाटन किया था. तब ये कहा गया था कि वाराणसी में शुरू हो रहे अमूल और बनास डेयरी के मिल्क प्लांट में मिठाइयों का बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन होगा. अमूल के प्लांट को हर रोज करीब 10 लाख लीटर दूध की जरूरत पड़ती है. साल 2021 में इस प्लांट का काम शुरू हुआ था. इस प्लांट को बनास काशी संकुल नाम दिया गया है. अमूल का ये प्लांट पूरी तरह से हाईटेक है और बनास काशी संकुल 30 एकड़ एरिया में फैला हुआ है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

ppr disease in goat
पशुपालन

Goat: बकरियों को चारा उपलब्ध कराने में आती हैं ये रुकावटें, पढ़ें यहां

बताया कि बकरियाँ सामान्यत बेकार पड़ी जमीन, सड़क के किनारे नदी व...

langda bukhar kya hota hai
पशुपालन

Animal Husbandry: पशुओं की बरसात में देखभाल कैसे करें, यहां पढ़ें एक्सपर्ट की सलाह

डेयरी फार्म में पशुओं के मल-मूत्र की निकासी का भी उचित प्रबंधन...

Animal husbandry, heat, temperature, severe heat, cow shed, UP government, ponds, dried up ponds,
पशुपालन

Animal Husbandry: यहां पढ़ें क्या है पशु क्रूरता के नियम, ​इसे न मानने वालों पर क्या होगी कार्रवाई

पशु क्रूरता से संबंधित शिकायत संबंधित थाना, पुलिस अधीक्षक, जिला पदाधिकारी और...