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Goat Farming: बकरी की ब्रीडिंग से पहले इन बातों का रखें ध्यान, हेल्दी मेमनों का होगा जन्म

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बरबरी बकरी की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. बकरी पालन करके अच्छी कमाई की जा सकती है. बहुत पुरानी कहावत है कि बकरी गरीबों की गाय है लेकिन अब ये कहावत बदलती नजर आ रही है. क्योंकि अब बकरी पालन से लोग लाखों-करोड़ों कमा रहे है. बस जरूरत इस बात की है कि बकरी पालन को एक्सपर्ट द्वारा बताए गए तरीकों से किया जाए. बकरी पालन बहुत फायदा है लेकिन कई बार बीमारी, प्रजनन में दिक्कतें और बकरी पालकों की कम जानकारी इस कारोबार को छोटे से बड़े पैमाने पर नहीं जाने देती है. इसलिए जरूरी है कि बकरी पालन से जुड़ी तमाम जानकारी बकरी पालक करे लें.

एक्सपर्ट का कहना है कि बकरी पालन तब ज्यादा फायदा पहुंचाता है जब बकरी से हेल्दी बच्चे हासिल होते हैं. इसलिए प्रजनन कार्यक्रम में कई बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है. ऐसा न हो पाने की कंडीशन में बकरी से हासिल होने वाले बच्चे हेल्दी नहीं होते हैं. वहीं कई बार तो बकरी बच्चों को जन्म भी नहीं दे पाती है. इसके चलते बकरी पालकों को नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसा बीमारी के कारण भी हो सकता है. आइए बकरी पालन में प्रजनन से पहले बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानते हैं.

प्रजनन से पहले क्या करें बकरी पालक
एक्सपर्ट का कहना है कि प्रजनन योग्य समूह से फिजिकल गुणों, उनका स्वभाव तथा पहले जनन एक्सीक्यूशन एफिशिएंसी के आधार पर अच्छे पशुओं का चुनाव करना चाहिए. बकरियों के खून की जांच किया जाना बेहद ही जरूरी है. जांच से ये पता चल जाएगा कि ब्रूसेलोसिस, लेप्टोस्पाइरोसिस आदि रोग से बकरी ग्रसित तो नहीं है. संगठित प्रक्षेत्रों में इन बीमारियों की उपस्थिति की सम्भावना अधिक होती है. बकरियों में बारम्बार जनन विफलतायें इन रोगों की उपस्थिति इंगित करती है. एक्सपर्ट का कहना है कि बकरियों में डीवार्मिंग दवाओं का प्रयोग समय व मौसम के अनुसार करना चाहिये.

मिनरल मिक्सचर देना है बेहद अहम
किसी स्थान विशेष पर रेबड़ में लिवर फ्लूक की उपस्थिति होने पर पशुओं को साथ में रेनाइड, डिस्टोडिन, जेनिल जैसी दवायें भी पशुचिकित्सक की सहायता से उचित मात्रा में देनी आवश्यक हो जाती हैं. बकरियों में जनन क्षमता में सुधार हेतु विटामिन ए. डी व ई का इंजेक्शन विशेषकर गर्मी में लाभप्रद होता है. संक्रमण रोगों के बचाव हेतु टीके, प्रजनन या गर्भावस्था से पूर्व लगाना आवश्यक है. जनन क्षमता सुधार व कमी को दूर करने के लिए विटामिन/मिनरल मिक्सचर को रातब के साथ मिलाना चाहिए. यह आवश्यक है कि क्षेत्रवार विकसित खनिज मिनरल मिक्सचर भी बकरियों को खिलाना चाहिये. जैसे कैलमिन (फोर्ट), मिनटेक डी, लाइकामिन, शाक्तिमिन इत्यादि.

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