Home पशुपालन Animal Husbandry: जानें गाय-भैंस को गाभिन कराने का सही वक्त, गर्भ न ठहरने के कारणों पर भी करें गौर
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Animal Husbandry: जानें गाय-भैंस को गाभिन कराने का सही वक्त, गर्भ न ठहरने के कारणों पर भी करें गौर

cow and buffalo farming
प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. पशुपालन जहां बेहद ही मुनाफे का कारोबार साबित हो रहा है. वहीं इसमें कई चुनौतियां भी हैं. अक्सर पशुओं में गर्भ न ठहरने की समस्या भी होती है. इसके चलते पशुपालक परेशान रहते हैं. क्योंकि पशु को दाना-पानी तो वो खिलाते-पिलाते ही हैं लेकिन पशु से उन्हें कोई फायदा नहीं मिलता है. गर्भ न ठहरने की वजहें कई हो सकती हैं. जिसका जिक्र हमने अपने पिछले आर्टिकल में भी किया था. जान लें कि अगर पशुओं के साथ कुछ दिक्कतें हुईं तो फिर ये समस्या बनी रहेगी. एक्सपर्ट ये कहते हैं कि संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि यदि पशुपालक भाई इन कुछ बातों को ध्यान में रखेंगे तो निश्चित रूप से पुनः पुनः गर्भाधान की समस्या से निजात पा सकेंगे.

पशु को जिस स्थान पर बच्चे को जन्म देने के लिए रखा गया है उस स्थान की सफाई, स्वच्छता के द्वारा पशु के जननांगों के द्वारा फैलने वाले रोगों पर नियंत्रण संभव हैं. इ​सलिए इस काम के लिए पशु को खुली, हवादार स्थान में जमीन पर कंकड पत्थर रहित तथा घास या पक्के फर्श पर भूसा फैला कर बांधना लाभप्रद होता है. पशु जननांगों से संबधित विशेश जीवाणु जैसे- ब्रुसेला ट्राईकोमोनास, लिस्टीरिया, केम्पाईलोबैक्टर (बिब्रियो) आदि संक्रामक रोगो से ग्रस्त पशु में भी गर्भ नहीं ठहरता है. इसके संबन्ध में पशु चिकित्सक से परामर्श व चिकित्सा आवश्यक है.

संतुलित आहार भी बेहद जरूरी है
प्रोटीन, खनिज लवण तथा विटामिन्स की कमी के कारण भी दुधारू पशुओं में गर्भ नहीं ठहरता है. इसलिए उचित मात्रा में इन सभी तत्वों का पशु आहार में होना बहुत जरूरी है. अगर दुधारू पशुओं के दाने में 50 ग्राम खनिज लवण (मिनरल मिक्सचर) रोजाना दिया जाये तो इस कमी को दूर किया जा सकता है. प्रत्येक खनिज लवण तथा विटामिन की कमी के कुछ लक्षण होते हैं और इस संबन्ध में पशुचिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए. गाभिन पशु की उचित देखभाल न करना भी पशु में गर्भ न ठहरने का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है.

तुरंत डॉक्टर की ले सलाह
कभी-कभी पशुओं के अंडाशय में कमी अथवा हारमोन्स की कमी के कारण भी गर्भ नहीं ठहर पाता है. ऐसे कारणों का संदेह होने पर पशु चिकित्सक की सलाह लेकर जॉच व इलाज करा लेना चाहिए. जब गाय / भैंस में गर्मी के लक्षण समय से नहीं देखें जाते हैं तब भी उनका गाभिन करवाना उचित समय पर सम्भव नहीं हो पाता है. इसलिए अगर गाय और भैंस सुबह गर्मी में दिखाई दे तो उसी दिन सांय को एवं यदि पशु में साय को गर्मी के लक्षण देखें तो अगले दिन सुबह ही गाभिन करवायें. फिर भी यदि गर्भ न ठहरे तब पशुचिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए.

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