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Milk Production: जानें, दूध उत्पादन में भारत को नंबर 1 बनाने के पीछे क्या है सबसे बड़ी वजह

Animal Husbandry: Farmers will be able to buy vaccines made from the semen of M-29 buffalo clone, buffalo will give 29 liters of milk at one go.
प्रतीकात्मक फोटो. Live stockanimal news

नई दिल्ली. भारत का फूड सेक्टर दुनिया के सबसे बड़े फूड बाजारों में से एक है, जिसकी सालाना ग्रोथ रेट 10-12 फीसदी है. इसका कुल मूल्य लगभग 60 लाख करोड़ रुपये है, और आने वाले वर्षों में इसके और भी तेज़ी से बढ़ने की उम्मीद है. जहां तक डेयरी उद्योग का सवाल है, इसकी मौजूदा कीमत करीब 12 लाख करोड़ रुपये है और अगले 10 सालों में इसके 25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है. ये कहना है कि इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ. आरएस सोढ़ी का. उन्होंने बताया कि यह न सिर्फ किसानों और उद्योगपतियों के लिए बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि होगी.

हालांकि उन्होंने कुछ चुनोतियों की ओर भी इशारा किया है. उन्होंने कहा कि समय बदलने के साथ ही उद्योग को कुछ नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिन पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.

भारत में है सबसे अनूठा मॉडल
बता दें कि भारत का डेयरी उद्योग अपनी कुशल आपूर्ति श्रृंखला के लिए मशहूर है. यहां छोटे किसानों से दूध इकट्ठा करना, उसे प्रोसेस करना और सुबह-सुबह उपभोक्ताओं के दरवाजे तक पहुंचाने का एक अनूठा मॉडल है. यह प्रक्रिया इतनी प्रभावी है कि उपभोक्ता द्वारा भुगतान की गई कीमत का लगभग 70-80 फीसदी सीधे किसान के पास जाता है. यह एक प्रमुख कारण है कि भारत विश्व स्तर पर दूध उत्पादन में नंबर एक स्थान पर है.

उत्पादन और खपत में हुई है ग्रोथ
यह एक आदर्श स्थिति थी, जहां एक ओर किसानों को उनके दूध के लिए स्थिर और उचित मूल्य मिल रहे थे, वहीं दूसरी ओर उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाले दूध और डेयरी उत्पादों तक पहुंच का आश्वासन दिया गया था. यह संतुलित गतिशीलता दूध और दूध उत्पादों के उत्पादन और खपत दोनों में लगातार ग्रोथ के पीछे एक प्रमुख चालक थी, जिसने भारत के दूध उत्पादन में चल रही वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया.

रिटर्न हो रहा है कम
हालाँकि, हाल के वर्षों में, इस कुशल मूल्य श्रृंखला में गिरावट आई है. किसानों को मिलने वाला रिटर्न कम होता जा रहा है. उदाहरण के लिए, पिछले छह महीनों में किसानों को गाय के दूध की कीमत 26 रुपये से 33 रुपये प्रति लीटर के बीच रही है, जबकि टोंड दूध की बिक्री कीमत 54 रुपये से 56 प्रति लीटर. इसका मतलब है कि अब बिक्री मूल्य का लगभग 50-70 फीसदी किसानों तक पहुंच रहा है, जो एक गंभीर चेतावनी संकेत हैं.

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