नई दिल्ली. किसानों को खेती-किसानी और पशुपालन से जुड़ी तमाम जानकारी उपलब्ध हो सके, इसको लेकर बिहार सरकार ने चतुर्थ कृषि रोड मैप के तहत कृषि ज्ञान वाहन को चलाया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस वाहन को रवाना किया. सीएम ने पटना अणे मार्ग से रिमोट के माध्यम से 811 करोड़ की 20 योजनाओं का भी शिलान्यास किया. इस संबंध में कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल कहते हैं कि किसानों को कृषि ज्ञान वाहन के माध्यम से कृषि एवं उसकी समस्याओं का समाधान उनके दरवाजे पर ही मिलेगा. इस वाहन को चलाने का फायदा किसानों को मिलेगा.
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के प्रचार शिक्षा के निदेशक आरके सुहानी कहते हैं कि पहले वाहन जिसकी मदद से किसानों कृषि सहित पशुपालन से जुड़ी तमाम जानकारी मिलेगी. कृषि विभाग द्वारा प्रथम चरण में बिहार विश्वविद्यालय साबौर और डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, बिहार पशु विश्वविद्यालय पटना तथा बिहार कृषि प्रबंधन और प्रसार प्रशिक्षण संस्थान बामेती पटना को दिया गया है. यह ज्ञान वहां कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र की नवीनतम जानकारी किसानों को देगा.
जानें क्या-क्या जानकारी मिलेगी
कृषि ज्ञान वाहन की मदद से मिट्टी की जांच की सुविधा, किसानों को फसल विशेष के उर्वरक व्यवहार की मात्रा, पशुओं की समस्याओं का त्वरित निदान, कीट व्याधि सहित खत पतवार की पहचान एवं प्रबंधन की जानकारी मिलेगी. साथ ही खद्यान, बागवानी अन्य फसलों के कीट के साथ-साथ पशु एवं पक्षी के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का भी समाधान किया जाएगा. कृषि वाहनों से किसानों को कृषि उत्पादन तथा बीज, जैविक खाद तरल बायोफर्टिलाइजर सहित मशरूम स्पान आदि उपलब्ध कराया जाएगा. यह ज्ञान वहां राज्य के विभिन्न जिलों की किसानों को कृषि की नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराने के साथ-साथ उन्हें जागरुक करेगा.
20 योजनाओं का हुआ शिलान्यास
इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 811 करोड़ रुपए की लागत से रिमोट के माध्यम से 20 योजनाओं का शिलान्यास किया. जिसमें किसान कॉल सेंटर, आत्मा योजना, राजकीय बीज गुणन प्रक्षेत्रों की घेराबंदी, कृषि प्रसार योजना, कृषि यंत्रीकरण योजना, प्रति बूंद अधिक फसल योजना, बिहार पोषक अनाज (मिलेट्स) विकास योजना, बिहार मक्का विकास योजना, मधुमक्खी पालन एवं मधु उत्पादन कार्यक्रम, बीज योजना (मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार, प्रमाणित बीज उत्पादन कार्यक्रम बिहार मक्का योजना, मधुमक्खी पालन एवं मधु उत्पादन कार्यक्रम आादि शामिल है.
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